कैलाश विजयवर्गीय का पुत्र मोह भाजपा को पड़ा भारी...मालवा-निमाड़ में सफाया

कैलाश विजयवर्गीय का पुत्र मोह भाजपा को पड़ा भारी...मालवा-निमाड़ में सफाया

इंदौर
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव में मालवा-निमाड़ की ६६ सीटों की जवाबदारी दी थी। पार्टी को भरोसा था कि वे अपने नाम अनुरूप अच्छा परिणाम देंगे, लेकिन वे पुत्र मोह में उलझकर रह गए। 66 में से 27 सीटें ही भाजपा के प्रत्याशी जीत पाए। इंदौर संभाग में तो 37 में से सिर्फ 10 सीटें ही मिलीं। कई ऐसी विधानसभा थी जहां पर थोड़ा मैनेजमेंट कर दिया जाता तो भाजपा सीट जीत सकती थी।

भाजपा को मालूम था कि चौथी बार सत्ता में आना बहुत टेढ़ी खीर है। इसको लेकर राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर चिंंतन कर क्षेत्रवार नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई। खांटी के नेता माने जाने वाले राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मालवा- निमाड़ की 37 सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई।

यहां पर उन्हें चुनाव में उभरने वाले अंतर्कलह को खत्म करने के साथ मैनेजमेंट पर ध्यान देते हुए सबको काम पर लगाना था, लेकिन इस पर वे ध्यान नहीं दे पाए। उनका पूरा ध्यान अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय के चुनाव में लगा रहा। पुत्र मोह की वजह से वे इधर-उधर ध्यान नहीं दे पाए। उन्हें मालूम था कि दूसरी सीटों को जिताने के फेर में आकाश हार जाते तो राष्ट्रीय स्तर पर बनी उनकी छवि भी धूमिल हो जाती।


ये है सच्चाई
सच्चाई ये है कि 66 सीटों के परिणाम ने भाजपा को विपक्ष में बैठा दिया। इंदौर संभाग की 37 में से भाजपा को 10 सीट ही मिलीं। इंदौर जिले से रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, उषा ठाकुर जीतीं तो धार से नीना वर्मा, झाबुआ से जीएस डामोर, खंडवा से देवेंद्र वर्मा, हरसूद से विजय शाह और पंधाना से राम डागोरे जीते।

पूर्व में इंदौर संभाग में भाजपा के खाते में 27 सीटें थीं, 18 का नुकसान हो गया। पार्टी कई ऐसी सीटें हारी, जहां थोड़ा सा मैनेजमेंट हो जाता तो भाजपा जीत जाती। इंदौर से अच्छे परिणाम तो उज्जैन संभाग ने दिए। 29 में से पार्टी को 17 सीटों पर जीत हासिल हुई।

क्षेत्र-3 में सारे स्टार लीडर
संभाग में प्रत्याशियों की स्थिति खराब होने की खबरें लगातार मिल रही थी। कई जगहों पर स्टार प्रचारकों की मांग थी ताकि चुनाव में माहौल खड़ा हो सके, जिसके आधार पर कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा सके और जनता में अच्छा प्रतिसाद मिल सके।

एक तरफ उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया और तीन नंबर में सारे स्टार प्रचारकों को उतारा गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, सांसद व अभिनेता परेश रावल, शाहनवाज हुसैन, संबित पात्रा सहित एक दर्जन नेता पहुंचे।