छत्तीसगढ़: शपथ तक नहीं पढ़ पाए ये नए मंत्री, कभी नहीं गए स्कूल
रायपुर
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार में नौ मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान सभी विधायकों ने हिंदी में शपथ ली, लेकिन कोंटा के विधायक कवासी लखमा अपना शपथ तक नहीं पढ़ पाए. उन्हें राजयपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ पूरी कराई.
दरअसल, शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर जब कवासी लखमा का नाम पुकारा गया. वो शपथ ग्रहण करने के लिए आए, लेकिन वह खुद शपथ नहीं पढ़ सके. इसके बाद छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पूरी शपथ पढ़ी और मंत्री दौहराते रहे.
बताया जाता है कि भूपेश बघेल सरकार के कवासी लखमा ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह तक नहीं देखा. उनका जन्म साल 1953 में सुकमा जिले के नागारास गांव में हुआ था. मूल रूप से किसानी का काम करने वाले लखमा राज्य के गठन के बाद से ही लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. वो बस्तर की कोंटा सीट से विधायक है.
अनुसूचित जाति से आने वाले कवासी लखमा के बारे में बताया जाता है कि उन्होंने कभी औपचारिक शिक्षा भले ही नहीं ली हो, लेकिन वो न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे कई देशों की यात्रा कर चुके हैं. कांग्रेस के सत्ता में आने के पहले वो विपक्ष में रहते हुए वह उप नेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं.
छत्तीसगढ़ में मंत्री बनने वालों में टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, रवींद्र चौबे, प्रेमसाय सिंह, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, रुद्र गुरु, उमेश पटेल, अनिला भेड़िया, जयसिंह अग्रवाल, कबासी लखमा और शिव डहरिया शामिल हैं.
मालूम हो कि यह पहला मौका नहीं जब कोई मंत्री शपथ नहीं पढ़ पाया हो. इससे पहले 2015 में बिहार में महागठबंधन की सरकार के गठन के दौरान लालू के बेटे तेजप्रताप यादव भी अपनी शपथ नहीं पढ़ पाए थे.