जून में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर गिरकर 2%

नई दिल्ली
अर्थव्यवस्था की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। मंदी के कारण एक तरह से अर्थव्यवस्था हांफ रही है। आर्थिक विकास दर्शाने वाले सभी आंकड़े अर्थव्यवस्था के प्रतिकूल आ रहे हैं। हालात यह है कि मांग और उत्पादन में सामंजस्य बैठाने के लिए महिंद्रा को वाहनों का उत्पादन दो सप्ताह के लिए बंद करने को मजबूर होना पड़ रहा है।यही हाल जून में उद्योगों की रफ्तार का भी रहा है। खनन और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण जून महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर गिरकर दो प्रतिशत पर आ गई।
आधिकारिक आंकड़ों में शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई। पिछले साल जून में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक सात प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
जून महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले साल के 6.90 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 1.20 प्रतिशत पर आ गई। बिजली उत्पादन क्षेत्र की वृद्धि दर भी 8.50 प्रतिशत से घटकर 8.20 प्रतिशत पर आ गई।
खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 6.50 प्रतिशत से कम होकर 1.60 प्रतिशत पर आ गई।
चिंतित करने वाले आंकड़े
जून में कैपिटल गुड्स की ग्रोथ घटकर -6.5 फीसदी रही, जो मई में 0.8 फीसदी रही थी।
जून में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ग्रोथ घटकर -5.5 फीसदी रही, जो मई में 0.1 फीसदी रही थी।
जून में कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स ग्रोथ घटकर मामूली बढ़कर 7.8 फीसदी रही, जो मई में 7.7 फीसदी रही थी।