जेट का संकट बढ़ा, कुछ रूटों पर दोगुना हुआ हवाई किराया

जेट का संकट बढ़ा, कुछ रूटों पर दोगुना हुआ हवाई किराया

  मुंबई
गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे जेट की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। मंगलवार को इस एयरलाइन कंपनी के घरेलू उड़ानों वाले पायलटों की संस्था ने स्पष्ट चेतावनी दे डाली कि इस महीने सैलरी नहीं मिली तो वे 1 अप्रैल से हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे पहले, सोमवार को जेट ने लीज पर लिए विमानों का किराया नहीं चुका पाने के कारण 6 और जहाज सेवा से हटा लिए। इस वजह से जेट की देशभर की कई उड़ानें रद्द हो गईं। 
विकट होते हालात 
परिस्थिति कितनी विकट हो चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को सिर्फ मुंबई एयरपोर्ट्स से ही जेट की 100 फ्लाइट्स कैंसल कर दी गईं। मंगलवार को जेट के कुल 119 जहाजों में से सिर्फ 36 ही उड़ान भर सके थे। उड़ानें रद्द होने से बड़ी तादाद में यात्री मुंबई एयरपोर्ट्स पर फंस गए। इनमें बिजनसमैन से लेकर रिसर्च साइंटिस्ट तक शामिल रहे। 

दोगुने हुए टिकटों के दाम 
अचानक रद्द ही उड़ानों के कारण जहाजों में यात्रियों के लिए जगह कम पड़ने लगे, इस वजह से हवाई किराया रातोंरात बढ़ गया। मुंबई-दिल्ली, मुंबई-बेंगलुरु, मुंबई-कोलकाता और मुंबई-चेन्नै जैसे रूटों के लिए उड़ान से कुछ घंटे पहले के टिकटों के दाम पिछले वर्ष इसी वक्त के मुकाबले दोगुने हो गए। मुंबई-चेन्नै टिकट के लिए सभी कंपनियों का किराया पिछले वर्ष के 5,369 रुपये के मुकाबले बढ़कर 26,073 रुपये हो गया। इक्सिगो के सीईओ और को-फाउंडर आलोक बाजपेयी ने मुंबई मिरर से कहा, 'होली के साथ-साथ गरमी की छुट्टियां करीब आने के कारण हवाई टिकटों के दाम बढ़े रहेंगे।' 

यात्रियों पर मार 
लीज का किराया नहीं दे पाने के कारण जेट को सिर्फ मार्च महीने में अपने 23 एयरक्राफ्ट सेवा से हटाने पड़े। इसका परिणाम हवाई यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। अब किसी भी कंपनी के विमान से मुंबई-दिल्ली की यात्रा पर 15,518 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं जबकि पिछले वर्ष मार्च में 6,577 रुपये का ही टिकट लग रहा था। इसी तरह, मुंबई-चेन्नै की यात्रा के लिए 5,369 रुपये की जगह अब 26,000 रुपये जबकि मुंबई-बेंगलुरु के लिए 2,600 रुपये की जगह 16,000 रुपये वसूले जा रहे हैं। 

जेट से पूरी तरह निकलेगी एतिहाद? 
उधर, जेट एयरवेज की पार्टनर एतिहाद ने अपना पूरा हिस्सा, विदेशी कर्ज से जुड़ी जिम्मेदारी और जेट प्रिविलेज में 49% हिस्सा SBI के हवाले करने की पेशकश की। एतिहाद ने मंगलवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से कहा कि वह इस एयरलाइन में उसका स्टेक खरीद ले। अबू धाबी की एयरलाइन एतिहाद का जेट में करीब 24% हिस्सा है। एतिहाद जेट की वित्तीय परेशानियां दूर करने से जुड़ी बातचीत में शामिल होने से कतराती रही है। उसने सोमवार को एक मीटिंग में अपने निर्णय की जानकारी एसबीआई को दी थी। 

जेट की चाहत 
मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि एतिहाद ने जेट से पूरी तरह एग्जिट करने का ऑफर दिया है। उन्होंने बताया कि जेट चाहती है कि एसबीआई उसका स्टेक खरीद ले और जेट के एचएसबीसी से लिए गए कर्ज पर गारंटी के रूप में जो जिम्मेदारी उस पर (एतिहाद) बनती है, वह भी एसबीआई अपने कंधों पर ले ले। एतिहाद ने जेट प्रिविलेज में अपना 49 प्रतिशत हिस्सा भी एसबीआई को ऑफर किया है। 

SBI के पाले में गेंद 
एक सूत्र ने बताया, 'एतिहाद जेट एयरवेज से पूरी तरह निकलना चाहती है। अब निर्णय एसबीआई को करना है।' माना जा रहा है कि एतिहाद के सीईओ टोनी डगलस ने सोमवार को इस पर एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार से चर्चा की थी। संपर्क किए जाने पर एतिहाद ने पुराना बयान दोहराया और कहा कि वह जेट एयरवेज के साथ मिलकर काम कर रही है। उसने एक बयान में कहा, 'माइनॉरिटी शेयरहोल्डर के रूप में एतिहाद कर्ज देने वाले भारतीय संस्थानों, कंपनी और अहम शेयरहोल्डर्स के साथ काम कर रही है ताकि जेट एयरवेज की परेशानी दूर की जा सके।' एसबीआई की अगुवाई वाला बैंकों का समूह ताजा घटनाक्रम और एयरलाइन के लिए आगे का प्लान तय करने पर मुंबई में मीटिंग कर रहा है। 

क्यों बढ़ रहा जेट का संकट? 
जेट से बाहर निकलने के एतिहाद के निर्णय और जेट के चेयरमैन नरेश गोयल एवं बैंकरों की ओर से पेश रेजॉलुशन प्लान पर बात नहीं बनने से जेट की मुश्किल नाजुक हो गई है। सहमति पत्र के मसौदे के अनुसार एतिहाद से 29.4 प्रतिशत स्टेक के बदले 1,600-1,900 करोड़ रुपये लगाने की उम्मीद की गई थी। 25 प्रतिशत स्टेक होने पर ओपन ऑफर लाना जरूरी हो जाता है। लेंडर्स को 1,000 करोड़ रुपये लगाने थे और जेट में 29.5 प्रतिशत स्टेक लेना था। गोयल की ओर से आने वाले 450 करोड़ रुपये को इक्विटी में बदला जाएगा। गोयल इसमें 250 करोड़ लगा चुके हैं और उनके पास करीब 17 प्रतिशत हिस्सा रहेगा और प्रस्तावित शर्त के मुताबिक कभी भी उनका हिस्सा 22 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगा।