टाइटल स्पॉन्सरशिप से BCCI 300 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद

टाइटल स्पॉन्सरशिप से BCCI 300 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद

मुंबई
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अपने ऑफिशल पार्टनर्स की संख्या इस साल तीन से बढ़ाकर पांच करना चाहती है। बोर्ड को उम्मीद है कि दो अतिरिक्त पार्टनर्स से उसे 80 करोड़ (40 करोड़ एक से) मिलेंगे। इस हिसाब से वीवो के जाने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इस साल 300 करोड़ रुपये कमाना चाहता है।

 क्रिकेट बोर्ड टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए भी डील फाइनल करने के करीब पहुंच गया है और इस सप्ताह के आखिर में वह लोगों को सरप्राइज करने वाला ऐलान कर सकता है। बोर्ड के एक करीबी सूत्र ने बताया, 'खबर है कि ऐमजॉन, बायजूज और ड्रीम 11 इस दौड़ में है लेकिन उम्मीद है कि बीसीसीआई कोई हैरानी करने वाला फैसला ले सकता है।'

यह डील सिर्फ चार महीनों के विंडो के लिए होगी और ऐसे में अगर इस रेंज में बोर्ड डील कर पाता है तो यह न सिर्फ भारतीय क्रिकेट बल्कि ग्लोबल स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए भी बड़ी बात होगी।

चीनी कंपनी (वीवो) ने इस साल आईपीएल से अलग होने का फैसला किया इससे स्पॉन्सरशिप मार्केट में करीब 450 करोड़ रुपये का अंतर पैदा हुआ। ऐसे में बाजार के जानकार कहते हैं कि 'यह अब इंडिया इंक के लिए इज्जत का सवाल है कि वह दुनिया को दिखाएं कि उनकी सबसे कीमती प्रॉपर्टी- भारतीय क्रिकेट- चल सकता है।'

वीवो इंडिया ने 2018 में डील होने के बाद बीसीसीआई को पांच साल के लिए हर साल 440 करोड़ रुपए देने का वादा किया था। अब चूंकि कई कारणों से वह इस साल डील का हिस्सा नहीं है तो अगर बोर्ड 300 करोड़ रुपये तक भी जुटा लेता है तो यह वीवो के जाने से हुए नुकसान का तीन चौथाई हिस्सा होगा। अब सवाल यह है कि कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए इस साल में इतनी रकम जुटाई जा सकेगी।

समस्या यह है कि अगले टाइटल स्पॉन्सर के पास सिर्फ दिसंबर तक का विंडो होगा। किसी भी ब्रांड के लिए बहुत कम संख्या है।

इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि बीसीसीआई को ई-लर्निंग ऐप अनअकैडमी और क्रेडिट कार्ड प्लैटफॉर्म क्रेड (Cred) ने ऑफिशल पार्टनर बनने का आग्रह किया है।