ट्रकों की एंट्री बैन, दिवाली के 24 घंटे बाद भी फूल रहा दिल्ली का दम

ट्रकों की एंट्री बैन, दिवाली के 24 घंटे बाद भी फूल रहा दिल्ली का दम

नई दिल्ली 
दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले 26 घंटों से प्रदूषण की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. हालांकि आधी रात के बाद स्थिति में मामूली सुधार आया है. यह सुधार दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने के बाद आया है. वातावरण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए शहर में ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई थी. दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार सुबह भी धुंध छायी रही और सुबह प्रदूषण की वजह से साफ साफ कुछ भी नजर नहीं आ रहा है.

ट्रकों पर बैन से मामूली राहत

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार गुरुवार रात को सिंधु बॉर्डर पर भारी और मध्यम श्रेणी के वाहनों की जांच की गई और ऐसी गाड़ियों को दिल्ली की सीमा पर ही रोक लिया गया या उन्हें लौटा दिया गया. सब इंस्पेक्टर रमेश ने बताया, 'भारी और मध्यम श्रेणी के उन वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई जो फल, सब्जी, अनाज या आवश्यक वस्तुएं लेकर आ रहे थे अन्यथा उन्हें बॉर्डर से लौटा दिया गया.' उन्होंने बताया कि 8 नवंबर रात 11 बजे से 11 नवंबर रात 11 बजे तक ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर बंदिश लगा दी गई है.
 
दिल्ली के आनंद विहार में शुक्रवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 585, अमेरिकी दूतावास के आसपास के इलाकों में 467 और आरके पुरम में 343 रही. यह सभी इलाके एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एआईक्यू की 'खतरनाक' श्रेणी में हैं.
 
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवाली पर पटाखे पर लगाई गई रोक का पूरी दिल्ली और एनसीआर में उल्लंघन किया गया. लोगों ने देर रात तक पटाखे जलाए, जिससे गुरुवार की सुबह इलाके में गहरा धुंध छा गया और हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई और लोगों का सांस लेना मुश्कल हो गया. विशेषज्ञों के अनुसार, वायु की गुणवत्ता सामान्य से छह गुना ज्यादा खराब हो गई. पुलिस ने भी स्वीकार किया है कि आदेश का उल्लंघ किया गया. पुलिस ने कहा कि वह विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी.

पुलिस ने दिवाली की रात राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलाए गए अभियान के दौरान 1,300 किलोग्राम पटाखे बरामद किया और 300 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक 600 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई. सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के त्योहार पर पटाखे जलाने की अनुमति सिर्फ रात आठ बजे से 10 बजे तक दी थी. शीर्ष अदालत ने सिर्फ ग्रीन पटाखे बनाने और बेचने की अनुमति दी थी, जिनमें कम प्रकाश और ध्वनि निकलती है और खतरनाक रसायन भी कम होता है. 

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "दिल्ली और एनसीआर की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को रात आठ से नौ बजे के दौरान 150-160 दर्ज किया गया. उसके बाद इसमें धीरे-धीरे गिरावट आई और तड़के सुबह तीन बजे सूचकांक का स्तर 250 (गंभीर श्रेणी) को पार कर गया. एक्यूआई सुबह छह बजे में 300 (अत्यंत गंभीर श्रेणी) को पार कर गया। एक्यूआई सूचकांक में गिरावट पटाखे जलाने के कारण आई."

सीएसई के पास दिल्ली और एनसीआर में पटाखे जलाने का कोई आंकड़ा होने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया, "इस बार सीएसई सही मायने में पटाखों पर ज्यादा गौर नहीं कर रहा है लेकिन प्रदूषण का स्तर दिल्ली-एनसीआर में 24 घंटे के भीरत मानक स्तर (60) से 6.5 गुना ज्यादा था."

दिल्लीवासी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिवाली पर तय समयसीमा रात 10 बजे के बाद भी पटाखे जलाते रहे. शीर्ष अदालत द्वारा पटाखों की बिक्री और उसके इस्तेमाल के लिए सख्त आदेश दिए जाने के बावजूद लोगों ने पड़ोस के बाजारों से अवैध तरीके से पटाखे खरीदे. पूर्वी दिल्ली में आईपी एक्सटेंशन, मयूर विहार फेज-1 और फेज-2, दक्षिणी दिल्ली में लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली में द्वारका और नोएडा के अधिकांश सेक्टरों में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होने की रिपोर्ट आई है.