नई सरकार में उठी व्यापमं को बन्द कराने की मांग

नई सरकार में उठी व्यापमं को बन्द कराने की मांग

भोपाल
मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही व्यापमं की चर्चा फिर से  शुरु हो गई है।नई सरकार में छात्रा द्वारा अब उसे बंद कराने की मांग उठने लगी है।इसके लिए बड़ी सख्यां में युवा भोपाल के चिनार पार्क में प्रदर्शन कर रहे है। वही युवाओं से मिलने कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक कुणाल चौधरी भी पहुंचे है। छात्रों ने पीईबी के अधिकारियों पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है।छात्रों का कहना है कि ग्रुप 4 परीक्षा के परिणामो में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने मांग की है कि व्यापमं को बंद और नियुक्तियों को होल्ड किया जाए।

वही छात्राों से मिलने पहुंचे विधायक कुणाल चौधरी ने भी भाजपा पर जमकर हमला बोला। चौधरी ने कहा कि ये जिन्न नही बहुत बड़ा घोटाला है। व्यापमं के माध्यम से पिछली सरकार में योग्यताओं का बेरहम कत्ल और पढ़ने वालों का सामूहितक नरसंहार किया गया था। जब भी नौजवान इस पर चर्चा करने चाहते ना तो सरकार उनकी सुनती औऱ ना ही कोई कार्रवाई करती ।मुझे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यहां भेजा है और कहा है कि छात्रों से जाकर मिलों और उनकी मूलभूत समस्याओं को जानों कि आखिर ये घोटाला हुआ कैसे। यह यूपी के टॉपर घोटाले की तरह बीजेपी ने यह घोटाला किया है। कांग्रेस इन नौजवानों को न्याय दिलाएंगी और इसकी एसआईटी से जांच कराएंगी।

बताते चले कि जुलाई-अगस्त में ग्रुप डी की परीक्षाएं हुई थी, जिसमें कई गड़बड़ियां सामने आई थी।इसमें कई छात्रों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा था। इस परीक्षा का रिजल्ट हाल ही में 12 दिसंबर को जारी हुआ है।

उम्मीदवारों द्वारा दिए गए ये तर्क

  1. बार बार रूल बुक में संसोधन करना (5 से 6 बार)
  2. परीक्षा के दिन एग्जाम सेंटर से ही कालेज प्रबंधन द्वारा नकल कराए जाने का वीडियो आया था 
  3. व्यापम के सभी भर्ती परीक्षा में जानबूझकर गलत प्रश्नो को सम्मलित करना फिर उनके उत्तर भी गलत जारी करना और हर परीक्षा में 5 से 6 प्रश्नों को निरस्त करके छात्रों को बोनस मार्क्स देके लाभ पहुचाना
  4. शायद ही ऐसा कोई एग्जाम हो जिसमें पूरे 100 प्रश्नों से रिजल्ट बना हो । सभी भर्ती परीक्षाओ में कुछ प्रश्नों को बार बार निरस्त किया जाता है 
  5. ग्रुप 4 परीक्षा के सम्पन्न होने और उत्तर कुंजी जारी हो जाने के 45 दिन बाद रीएग्जाम कराना ।
  6. ग्रुप 4 परीक्षा के लिए लगभग 1 लाख 25 हजार लोगों ने आवेदन किया था जिनमे से लगभग 1 लाख 4 हजार लोगों ने परीक्षा दी थी परीक्षा में अनुपस्थित रहे तकरीबन 21 हजार लोगों में से मात्र 400 से 500 विशेष लोगो के लिए अलग से प्रवेश पत्र जारी करके दोबारा से  परीक्षा का आयोजन कराना पूर्णतः संदिग्ध है ।
  7. नॉर्मलाइजेसन में नम्बरो को कम ज्यादा करना। बोर्ड किसी छात्र द्वारा अर्जित अंको को आखिर कैसे अपनी मनमानी से बढ़ा घटा सकता है। 
  8. ग्रुप 4 परीक्षा के रिजल्ट को जारी किया गया है जिसका अध्यन करने में यह बात सामने आई है कि टॉप टेन में स्थान प्राप्त करने वाले सारे ही अभ्यार्थियों को पूर्णाक 100 मे से 90 से लेकर 95 नम्बर तक प्राप्त हुए है जबकि पीईबी द्वारा पूर्व में आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा और वनरक्षक / जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा में इन सभी टॉप टेन के छात्रों द्वारा 30 से 50 नम्बर से अधिक कोई भी अर्जित नही कर सका है ।
  9. टॉप टेन के छात्रों के पीईबी के अन्य परीक्षाओ के रिजल्ट देखने से यह साबित होता है कि चयन प्रक्रिया में जमकर गड़बड़ियां की गई है और इन सभी का भर्ती परीक्षा में अनुचित चयन कराया गया है  इसलिए भर्ती परीक्षा के प्रत्येक चरण की जांच विशेष जांच टीम गठित करके जल्द से जल्द कराई जाए।
  10. जबतक भर्ती प्रक्रिया की जांच पूरी नही हो जाती तब तक भर्ती प्रक्रिया को यथावत रखा जाए  और जांच रिपोर्ट आने के बाद  भर्ती प्रक्रिया को  पूर्णतः पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए।
  11. उत्तम चयन का बोर्ड लगा के  पीईबी प्रत्येक भर्ती परीक्षा में जबरदस्त गड़बड़ियां कर रहा है जो प्रत्येक परीक्षाओ में सामने आ रही है और जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा हर बार  पल्ला झाड़ लिया जाता है।