नदी सूखी तो अफसरों ने कंटूर, चेकडेम,स्टॉपडेम बना कर की अच्छी मुहीम की शुरुआत
खंडवा
कावेरी नदी सूख रही है. ये कभी खंडवा की जीवन दायिनी थी. नदी सूखी तो खंडवा और उसके आसपास के करीब 54 गांव में जल संकट खड़ा हो गया है.जिला प्रशासन इसे नया जीवन देने के लिए जुगत लगायी. उसकी इस मुहिम में पंचायतें और जनता भी साथ आयी और अब पूरे खंडवा में बारिश के पानी की एक-एक बूंद का इस्तेमाल करने का इंतज़ाम किया जा चुका है.
कम बारिश और पानी को ना सहेजने का परिणाम है कि खंडवा की कावेरी नदी आज सूखी पड़ी है. इसका उद्गम स्थल तक सूखा पड़ा है. ये नदी करीब 54 किमी तक बहती है, इससे न सिर्फ 54 गांव के लोगों को पानी मिलता था बल्कि खेती-बाड़ी भी इसी से होती थी. लेकिन पिछले कई साल में ये धीरे-धीरे करके सूखती चली गयी.
अब खंडवा जिला प्रशासन ने कावेरी नदी को रिचार्ज कर पुनर्जीवित करने का जिम्मा उठाया है. नदी के कैचमेंट एरिया में कंटूर, चेकडेम,स्टॉपडेम बनवाने शुरू किए, ताकि बारिश का पानी यहां जमा किया जा सके और नदी फिर से जी उठे.
जिला प्रशासन की इस मुहिम में पंचायतों ने पूरी मदद की. रास्ते में आने वाले खेत तालाब, पोखर की भी खुदाई कर उन्हें जल संग्रहण लायक तैयार किया. वॉटर रिचार्ज की इस पहल से अब अनुमान है कि 9018 हेक्टेयर मीटर पानी जो अब तक बेकार बह जाता था वो अब इसमें जमा हो जाएगा. इसका उपयोग खेती-किसानी और रोजमर्रा के काम में हो सकेगा.
प्रशासन की इस पहल और पंचायतों के सहयोग में आम जनता भी शामिल हुए. अब उम्मीद है इस बार जब बादल बरसेंगे तो पानी बेकार नहीं जाएगा, आगे के लिए भी पानी का पक्का इंतज़ाम हो जाएगा.