नपा और जिला प्रशासन में आपसी खींचतान बनी चर्चा का विषय

सीहोर
सीहोर में इन दिनों जिला प्रशासन और नगर पालिका के बीच आपसी खींंचतान चर्चा का विषय बना हुआ है. सीहोर नगर पालिका की करोड़ों की जमीन को जिला प्रशासन ने बिना कानून कायदों की परवाह किए तुगलगी आदेश जारी कर अपने राजस्व खाते में स्थानांतरित करने का मामला सामने आया है. जिला प्रशासन अब इस बेशकीमती जमीन पर तहसील कार्यालय के नवीन भवन के निर्माण की तैयारी कर रहा है.

दरअसल, सीहोर नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र की एक एकड़ जमीन भोपाल नाके पर स्थित शाशकीय पीजी कॉलेज के सामने है. इस जमीन पर साल 1999 में नगर पालिका की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सार्वजनिक नीलामी में बिक्री कर दिया. नगर पालिका की इस नीलामी को संचालनालय ने विधि विरुद्ध घोषित कर दिया था.

ऐसे में नगर पालिका ने जमीन पर एक व्यावसायिक मॉल बनाने के लिए सात करोड़ का बजट पारित कर अनुशंसा के लिए शासन के पास भेजा था, लेकिन इसी बीच जिला प्रशासन ने बिना कानून-कायदों के एक तुगलगी आदेश जारी कर उसे राजस्व खाते में स्थानांतरित कर ली. अब जिला प्रशासन इस बेशकीमती जमीन पर तहसील कार्यालय के नवीन भवन के निर्माण की तैयारी की जा रही है. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध कर जमीन वापसी की मांग कर रही है.

जिला प्रशासन की इस कार्रवाई का नगर पालिका द्वारा विरोध किया जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन के अधीन होने के चलते फिलहाल सीएमओ ने एक पत्र जिला कलेक्टर तरुण कुमार पिथौड़े को लिखकर इस मर्जर को विधी के प्रतिकूल बताकर अपनी जमीन को वापस करने की मांग की है.