नरसिंहपुर में कलेक्टर बनकर ठगी करने वाला गिरफ्तार, युवाओं को बनाता था निशाना

नरसिंहपुर
मध्यप्रदेश की नरसिंहपुर पुलिस ने एक ऐसे फर्जी कलेक्टर को दबोचा है जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठने का काम कर रहा था. इस फर्जी अधिकारी ने कई युवकों को नियुक्ति पत्र और आईडी कार्ड्स तक जारी कर दिए थे. ठगे गए बेरोजगार युवाओं को जब इस फ्रॉड का पता चला तो कोतवाली पहुंचकर मामला दर्ज करवाया. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए फर्जी कलेक्टर अजमेर कांवरे को गिरफ्तार कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

आरोपी अजमेर कांवरे खुद को नरसिंहपुर जिले का अपर कलेक्टर बताता था. आरोपी जिले के ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को चिह्नित करता और उन्हें नौकरी के झांसा देकर अपने जाल में फंसा लेता था. आरोपी के अनुसार उसने पैसे कमाने के लिए यह तरीका अपनाया था. पुलिस के अनुसार विक्रम नामक एक शक्स ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि एक व्यक्ति ने उसे अपर विकास कलेक्टर नरसिंहपुर के नाम से कलेक्ट्रेट की कंप्यूटर शाखा में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया है, जिसके लिए उससे 90 हजार रुपये लिए हैं.

एएसपी राजेश तिवारी ने बताया कि अपर कलेक्टर के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र देने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने जांच की, जिसमें सामने आया कि नरसिंहपुर में करीब 8 युवाओं को इस प्रकार के फर्जी लेटर मिले हैं. जांच के बाद पुलिस ने आरोपी अजमेर कांवरे को गिरफ्तार कर लिया. एएसपी तिवारी के अनुसार आरोपी 90 से डेढ़ लाख रुपये लेकर बेरोजगार युवाओं को कलेक्ट्रेट में नौकरी का झांसा देता और जिला अपर विकास कलेक्टर के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र देता था. पुलिस ने आरोपी से पूछताछ कर रही है और मामले की जांच जारी है.