नरसिम्हा राव, केसरी और बाबू जगजीवन राम के अपमान का लगाया आरोप: अमित शाह

नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस को 5 साल के लिए गैर-गांधी अध्यक्ष बनाए जाने की चुनौती को लेकर अमित शाह ने तीखा वार किया है। शाह ने मोदी का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, 'पीएम की ओर से नेहरू-गांधी परिवार से अध्यक्ष बनाए जाने की चुनौती पर बहुत से लोग बेचैन हो गए हैं। कई दरबारियों ने अपनी वफादारी साबित करने की कोशिश की है। इससे पता चलता है कि पीएम ने उनकी कमजोर नब्ज को पकड़ा है।'
शाह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'पीएम सही कह रहे हैं। 1978 में आरंभ के बाद से अब तक एक ही परिवार के 4 सदस्य कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं। राजनीतिक दल के तौर पर जनता की सेवा करने की बजाय पार्टी वंशवादी समूह बनकर रह गई है।'
शाह ने सीताराम केसरी और नरसिम्हा राव का जिक्र करते हुए कहा कि हाल के सालों में परिवार से बाहर के दो कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं, जिनका बुरी तरह अपमान किया गया। निधन के बाद राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस दफ्तर के अंदर नहीं आने दिया गया। दिग्गज नेता रहे सीताराम केसरी का किसके वफादार गुंडों ने अपमान किया, यह भी हम जानते हैं।
शाह ने कहा कि इससे भी पीछे हम देखें तो बाबू जगजीवन राम, एस. निजालिंगप्पा, के. कामराज का एक ही परिवार ने अपमान किया था। वरिष्ठ नेता नीलम संजीव रेड्डी को भी एक ही परिवार ने पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनने दिया था। यूएन ढेबार को इंदिरा गांधी के लिए अध्यक्ष पद से किनारे होने के लिए कहा गया।
शाह ने आचार्य कृपलानी का भी जिक्र करते हुए कहा कि गांधी जी और सरदार पटेल के साथ काम करने वाले दिग्गज लीडर को 1950 से 1960 तक अपमान के साथ रहना पड़ा। उनका अपराध सिर्फ यह था कि उन्होंने नेहरू सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।