नेशनल लोक अदालत में एक हजार 222 प्रकरणों का निराकरण

छिन्दवाड़ा
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बी.एस.भदौरिया ने आज अन्य अतिथियों के साथ स्थानीय जिला न्यायालय परिसर के ए.डी.आर.भवन में गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस लोक अदालत में जिला न्यायालय के साथ ही सिविल न्यायालय अमरवाडा, चौरई, पांढुर्णा, परासिया, जुन्नारदेव और सौंसर में रखे गये 15 हजार 892 प्रकरणों में से एक हजार 222 प्रकरणों का निराकरण करने के साथ ही 3 करोड 99 लाख 25 हजार 943 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये जिससे एक हजार 866 व्यक्ति लाभान्वित हुये। इसमें लंबित 2 हजार 334 प्रकरणों में से 424 और प्रि-लिटीगेशन के 13 हजार 558 प्रकरणों में से 798 प्रकरणों का निराकरण शामिल हैं। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री नवनीत कुमार गोधा, कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती आशा एन.गोधा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और अपर जिला जज श्री विजय सिंह कावछा, अन्य न्यायाधीशगण, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सोमनाथ राय, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह बैस, सचिव श्री उमाशंकर श्रीवास्तव और अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य, अधिवक्तागण, बैंक, बीमा, प्राधिकरण और न्यायालय के कर्मचारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी और पक्षकारगण उपस्थित थे।  

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और अपर जिला जज श्री कावछा ने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों के अंतर्गत चैक बाउंस के प्रस्तुत 438 प्रकरणों में से 87 प्रकरणों का निराकरण कर 89 लाख 13 हजार 251 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 170 व्यक्ति लाभान्वित हुये। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 279 प्रकरणों में से 46 प्रकरणों का निराकरण कर एक करोड 89 लाख 70 हजार रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 195 व्यक्ति लाभान्वित हुये। अन्य सिविल के 433 प्रकरणों में से 41 प्रकरणों का निराकरण कर 8 लाख 87 हजार 400 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 131 व्यक्ति लाभान्वित हुये। विद्युत के 236 प्रकरणों में से 74 प्रकरणों का निराकरण कर 11 लाख 727 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 76 व्यक्ति लाभान्वित हुये। लोक अदालत में वैवाहिक विवाद के 462 प्रकरणों में से 102 प्रकरणों का निराकरण कर 3 लाख 96 हजार 600 रूपये के अवार्ड पारित किये गये जिससे 249 व्यक्ति लाभान्वित हुये। इसी प्रकार 33 अन्य मामलों में 25 प्रकरणों का निराकरण कर 18 लाख 53 हजार रूपये के अवार्ड पारित किये गये जिससे 54 व्यक्ति लाभान्वित हुये। आपराधिक शमनीय के एक हजार 446 प्रकरणों में से 49 प्रकरणों का निराकरण कर 108 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। लोक अदालत में श्रम विवाद के भी 7 प्रकरण रखे गये।

 इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों के अंतर्गत बैंक वसूली के 5 हजार 418 प्रकरणों में से 222 प्रकरणों का निराकरण कर 55 लाख 52 हजार 706 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 235 व्यक्ति लाभान्वित हुये। विद्युत के 5 हजार 341 प्रकरणों में से 124 प्रकरणों का निराकरण कर 7 लाख 75 हजार 796 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 124 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। जल कर के 2 हजार 525 प्रकरणों में से 430 प्रकरणों का निराकरण कर 13 लाख 52 हजार 282 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 465 व्यक्ति लाभान्वित हुये। बी.एस.एन.एल. के 199 प्रकरणों में से एक प्रकरण का निराकरण कर एक लाख 22 हजार 181 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे एक व्यक्ति लाभान्वित हुआ। लोक अदालत में वैवाहिक मामलों के 75 प्रकरणों में से 21 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस लोक अदालत को सफल बनाने के लिये 29 खंडपीठ गठित कर 29 पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी जिसमें 22 न्यायिक और 7 पुलिस परामर्श केन्द्र की खंडपीठ शामिल है। लोक अदालत में आपसी राजीनामा से समझौता करने वाले पक्षकारों को वन विभाग की ओर से पौधे भी भेंट किये गये।