नो एंट्री में घुसने से रोकने पर ट्रक ने ASI को टक्कर मारी, फिर 600 मीटर घसीटा, मौत

नो एंट्री में घुसने से रोकने पर ट्रक ने ASI को टक्कर मारी, फिर 600 मीटर घसीटा, मौत

 
नई दिल्ली 

नो एंट्री जोन में घुसने से रोकने पर तेज रफ्तार ट्रक ने ट्रैफिक पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) जितेंद्र सिंह को टक्कर मार दी। इतने पर भी ड्राइवर ने ट्रक नहीं रोका और एएसआई को 600 मीटर तक घसीटते ले गया। दूसरे सिपाहियों ने करीब 5 किमी तक पीछा करने के बाद ट्रक ड्राइवर को धर दबोचा। इसके बाद इलाज के दौरान 48 वर्षीय एएसआई जितेंद्र सिंह ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। 
 
नहीं था ड्राइविंग लाइसेंस, पहले से चल रहे दो केस 
घटना मंगलवार सुबह धौला कुआं से महिलापालपुर-गुड़गांव की ओर जाने वाली रोड पर हुई। पुलिस के मुताबिक, ट्रक को मेवात का रहने वाला अशफाक (22) चला रहा था। उसके पास ना तो ड्राइविंग लाइसेंस था, ना ही ट्रक के कोई दस्तावेज। जांच से पता चला कि उसके खिलाफ में हत्या के प्रयास के दो मुकदमे पहले से चल रहे हैं। वह अकेला ही ट्रक चला रहा था। साथ में कोई हेल्पर भी नहीं था। 

पुलिस ने बताया कि एएसआई जितेंद्र सिंह मंगलवार सुबह धौलाकुआं से महिपालपुर-गुड़गांव की ओर जाने वाली रोड पर ड्यूटी पर तैनात थे। उनके साथ सिपाही पवन, संदीप और विजयपाल भी थे। सुबह 7:41 बजे एक ट्रक बड़ी ही तेज रफ्तार और लापरवाही से चलता हुआ धौलाकुआं से महिपालपुर-गुड़गांव की ओर वाली रोड पर आ रहा था। 

एएसआई जितेंद्र ने देखा कि यह ट्रक नो एंट्री जोन में घुसने की कोशिश कर रहा है। उसे रोकने के लिए दूर से ही हाथ दिया गया। ट्रक ड्राइवर ने स्पीड और बढ़ा दी। इससे पहले की एएसआई कुछ समझ पाते ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी और ड्राइवर ट्रक लेकर वहां से फरार होने लगा। लेकिन उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया गया। 

पुलिस का कहना है कि मृतक एएसआई की दो बेटियों में बड़ी एमएससी, छोटी बीएससी और बेटा बीटेक कर रहे हैं। परिवार में वह अकेले कमाने वाले थे। पुलिस की ओर से मृतक एएसआई के परिवार की मदद करने के लिए हरसंभव कोशिश करने का आश्वासन दिया गया है। 

‘बेटी की शादी के लिए देख रहे थे लड़का’ 
जितेंद्र के बड़े भाई जगबीर ने बताया कि वह बड़ी बेटी की शादी करने की सोच रहे थे। लड़के देखे जा रहे थे। उन्होंने बताया कि जितेंद्र सिंह दिल्ली पुलिस में 1988 में सिपाही भर्ती हुए थे। करीब दो साल पहले ही वह एएसआई बने थे। परिवार में सभी को खुश रखते थे और पूरे परिवार को एकजुट भी। उन्होंने बताया कि वह ट्रक के आगे वाइपर पकड़कर ऊपर आने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार ट्रक से उनका हाथ छूट गया और वह नीचे सड़क पर गिर पड़े। जब पुलिस उन्हें अस्पताल लेकर पहुंची तो सबसे पहले उन्हीं के पास फोन आया था। उस वक्त उन्हें नहीं बताया गया था कि उनके साथ इतना बड़ा हादसा हो गया है। करीब 8:30 बजे वह अस्पताल पहुंच गए थे। इलाज के दौरान जितेंद्र की मौत हो गई।