पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गुरूमुख सिंह होरा MLA से हार रही है बीजेपी

धमतरी
विधानसभा चुनाव के करीब आते ही धमतरी जिले में सियासी आरोप और दावों का दौर भी जोर पकड़ने लगा है. बीते 10 साल से विधायक गुरूमुख सिंह होरा ने दावा किया है कि इस बार भी न सिर्फ उन्हें टिकट मिलेगी, बल्कि जीत भी उन्हीं की होगी. वहीं भाजपा की तरफ से भी ये दावा किया गया है कि इस बार धमतरी सहित तीनों सीटों पर कांग्रेस की हार होगी.

हालांकि प्रदेश में भाजपा शासन का ये 15वां साल है. लेकिन धमतरी विधानसभा में कांग्रेस का ही 10 सालों से कब्जा है. गुरूमुख सिंह होरा को भाजपा 10 साल से हरा नहीं पाई है. 2008 के चुनाव में होरा ने भाजपा के विपिन साहू को रिकॉर्ड 27 हजार वोटों के अंतर से मात दी थी. वहीं 2013 में हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और एक बार के विधायक रह चुके इंदर चोपड़ा को साढ़े 10 हजार वोटों से मात दी थी.

वहीं भाजपा ने भी इस बार के चुनाव में अपनी जीत का दावा किया है. भाजपा जिला प्रवक्ता कविंद्र जैन का कहना है कि विधायक सरकार के विकास कार्यों का झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहे है. लेकिन जनता उनकी असलियत समझ चुकी है.

दावों और आरोपों से परे देखें तो इस बार दोनों दलों द्वारा प्रत्याशी चयन काफी मायने रखेगा. कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान और भाजपा के लिए 15 साल में स्वाभाविक रूप से उपजी एंटीइन्कंबेंसी ही सबसे बड़ी चुनौति रहेगी. लेकिन ये चुनाव अब तक के सबसे दिलचस्प और दोनों दलों के लिए कठिन साबित होने वाले है.