प्रेगनेंसी में होती है कोल्‍डड्रिंक पीने की क्रेविंग, ज्‍यादा पीने से हो सकता है मिसकैरिज

प्रेगनेंसी में होती है कोल्‍डड्रिंक पीने की क्रेविंग, ज्‍यादा पीने से हो सकता है मिसकैरिज

गर्भावस्था में महिला को बेहतर खानपान के साथ ही अच्छी देखभाल की भी जरूरत होती है। इस दौरान शुगर, ब्लड प्रेशर और वजन का भी खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। कई बार जानकारी के अभाव में और क्रेविंग के चलते महिलाएं कुछ ऐसी चीजें खाने लग जाती हैं जो उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है कि होने वाली मां कुछ भी ऐसा नहीं खाए जिसका उस पर उसके बच्चे पर गलत असर पड़े। प्रेग्नेसी के दौरान बहुत सी महिलाओं को सॉफ्ट डिंक पीने की क्रेविंग होती है। पर क्या आप जानती हैं प्रेग्नेंसी में सॉफ्ट ड्रिंक पीना कितना खतरनाक हो सकता है।

गर्भावस्था में सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा और दूसरे शुगर से भरपूर ड्रिंक पीने से बच्चों को मोटापे की शिकायत हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो गर्भावस्था में जो औरतें हर रोज सॉफ्ट ड्रि‍क पीती हैं उनके होने वाले बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स काफी हाई होता है। आइए जानते है कि गर्भावस्‍था के दौरान कोल्‍ड ड्रिंक पीने से क्‍या खतरे हो सकते हैं।

कृत्रिम स्वाद और प्रिजर्वेटिव्स
अधिकांश सॉफ्ट ड्रिंक्स में कृत्रिम स्वाद व प्रिजर्वेटिव्स होते हैं। डाइट सोडा में भी कृत्रिम मीठा (आर्टिफिशियल स्वीटनर) मिलाया जाता है। इनमें से किसी का भी अत्याधिक मात्रा में सेवन (शुगर सब्स्टीट्यूट, प्रिजर्वेटिव, आर्टिफिशियल फ्लेवर व कलर) गर्भवती महिला के लिए उचित नहीं है। इसके अलावा, सॉफ्ट में अत्‍यधिक मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है। इससे कोई पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते है।

कितना कैफीन का करना चाह‍िए इस्‍तेमाल?
विशेषज्ञों की सलाह है कि गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 200 मि.ग्रा. कैफीन से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए। यह मात्रा प्रतिदिन दो कप इंस्टेंट कॉफी या चार कप चाय या पांच कैन कोला के बराबर है। आप जो पेय पी रही हैं (चाय, कॉफी या कोला) उनमें कैफीन की मात्रा पर ध्यान दें। साथ ही दिन में अन्य चीजों जैसे कि चॉकलेट और चॉकलेट ड्रिंक्स में कैफीन उपस्थित होता है। ऐसे में एक दिन में अपनी कुल कैफीन सेवन की मात्रा का ध्यान रखें।

भ्रूण के ल‍िए खतरनाक
अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करना हान‍िकारक होता है। यह प्‍लेसेंटा के माध्‍यम से बढ़ते शिशु तक पहुंच सकता है। कम मात्रा में कैफीन का सेवन करने से भ्रूण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से प्‍लेसेंटा में रक्‍तप्रवाह कम हो जाता है। इसी कारण गर्भावस्‍था के दौरान कैफीन का सेवन कम करना चाह‍िए। वरना गर्भपात होने का खतरा भी रहता है।

नींद में डालता है खलल
कैफीन मूत्रवर्धक (डाइयुरेटिक) भी होती है और शरीर से पानी व अन्य तरल पदार्थों के साथ-साथ जरुरी विटामिन जैसे कि कैल्शियम आदि को भी मूत्र के साथ निकासित कर देती है। अत्याधिक कैफीन का सेवन आपनी नींद पर भी असर डाल सकता है, जबकि गर्भावस्था में आपको अच्छी नींद की आवश्यकता होती है।

इन पेय पदार्थों पर दे ध्‍यान
कैफीन से युक्‍त कोल्‍ड ड्रिंक पर ध्‍यान देने से ज्‍यादा जरुरी है कि आप ताजगी प्रदान करने वाले पेय पदार्थ पर ध्‍यान दें।

- ताजा फलों का रस

- नींबू पानी

- आम पन्ना

- लस्सी या दूध से बने अन्य पेय

- नारियल पानी