बिहार में बाढ़ से अब तक 92 लोगों की मौत, असम में 47 ने गंवाई जान, केरल में 7 मछुआरे लापता
मुजफ्फरपुर भागलपुर
उत्तर बिहार, कोसी और सीमांचल के जिलों में शुक्रवार को बाढ़ के पानी में डूबकर 35 लोगों की मौत हो गई। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, अब तक बिहार में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या 92 तक पहुंच गई है। मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को डूबने से पांच लोगों की मौत हुई। दरभंगा में डूबने से दो सगी बहनों समेत तीन व सीतामढ़ी में तीन की डूबने से मौत हुई है। मोतिहारी में डूबने से एक की मौत हो गई। समस्तीपुर के मुफ्फसिल थाने के विशनपुर में चिमनी के गड्ढे में डूबने से पांच बच्चों की जान चली गई। अररिया में भी पांच लोगों की मौत हो गई। उधर असम में बाढ़ से 11 और लोगों की मौत के साथ शुक्रवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है।
बिहार और असम में बाढ़ से लोगों को थोड़ी सी राहत मिली, लेकिन अब तक इससे 1.15 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं और बाढ़ तथा बारिश की वजह से मरने वालों की संख्या 150 तक पहुंच चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान जारी करके मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की।
बिहार में पिछले 24 घंटों में विभिन्न इलाकों में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 14 हो गई जिससे इस मानसूनी बारिश में यह आंकड़ा बढ़कर 92 तक पहुंच गया है। राज्य में राहत और पुनर्वास अभियान पूरी क्षमता से चलाये जा रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 180 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि वाला एक अभियान शुरु किया जिसके अंतर्गत प्रभावित लोगों को प्रत्यक्ष धन अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सहायता दी जायेगी। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला सीतामढ़ी है। राज्य में 18 जुलाई तक हुई कुल 78 मौतों में यहां 27 लोगों की जानें जा चुकी हैं। यहां का इलाका अचानक आई बाढ़ से प्रभावित है। यह बाढ़ नेपाल में गत सप्ताह हुई मूसलधार बारिश की वजह से आई है।
उत्तर बिहार के गांवों में तबाही मचा रही बाढ़ का रुख अब शहर की ओर है। शुक्रवार को मुजफ्फरपुर, दरभंगा व समस्तीपुर के शहरी क्षेत्र के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया। अफरातफरी के माहौल के बीच बाढ़ग्रस्त मोहल्ले के लोग लगातार एनएच, सड़क व अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभाव के चलते शुक्रवार को दूसरे दिन भी केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। सात मछुआरे लापता हैं और दो जिलों में राहत शिविर खोले गये हैं। मौसम विभाग के अनुसार इडुक्की, कोझीकोड, वायनाड, मल्लपुरम और कन्नूर जिलों में शुक्रवार को 20 सेमी से अधिक बारिश के चलते रेड अलर्ट (बहुत ज्यादा बारिश) जारी किया गया है। इन स्थानों में 19-22 जुलाई को भारी बारिश की भविष्यवाणी की गयी थी, जबकि सुदूर उत्तर के कासरगोड जिले में शनिवार को रेड अलर्ट घोषित कर दिया जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के 10 भाजपा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि राज्य में बाढ़ से निपटने और राहत पहुंचाने में केंद्र हर संभव मदद करेगा। शुक्रवार को प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जिसमें बाढ़ से निपटने के लिए विशेष पैकेज देने की मांग की गई है। असम में बाढ़ में 11 और लोगों की मौत के साथ मृतकों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है जबकि राज्य के 33 में से 27 जिलों में 48.87 लाख लोग प्रभावित हैं। शुक्रवार को एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
राज्य में कुल 1.79 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूबी हुई है और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान तथा पबित्रो वन्यजीव अभयारण्य का करीब 90 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि 11 और लोगों की मौत की खबर मिली है, जिनमें बारपेटा और मोरीगांव में 3-3 लोगों की मौत हुई है। प्राधिकरण ने अपने बुलेटिन में कहा कि 3,705 गांवों में 48,87,443 लोग बाढ़ की चपेट में हैं।