भाजपा की बढ़ीं मुश्किलें, दो सीटों से निर्दलीय खड़े कुसमरिया ने नहीं लिया नामांकन वापस
भोपाल
मध्य प्रदेश में भाजपा को बागियों की बगावत काफी महंगी साबित हो रही है. नामांकन वापस लेने की बुधवार को अंतिम तारीख थी, लेकिन रामकृष्ण कुसमरिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी वापस नहीं ली. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा उन्हें मनाने के लिए दमोह पहुंचे, लेकिन कुसमरिया से मुलाकात नहीं हो पाई और तकरीबन दो घंटे तक बाबा का इंतजार करने के बाद वे खाली हाथ वापस लौट आए.
गौरतलब है कि भाजपा ने कुसमरिया को इस बार टिकट नहीं देने का फैसला किया. इससे वे नाराज हो गए. नाराज कुसमरिया को काफी समय से मनाने की कोशिश चल रही थी, लेकिन वे नहीं माने. पांच बार सांसद और दो बार विधायक रहे पूर्व मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने साफ कर दिया कि वे हर हाल में दमोह और पथरिया दोनों विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे.
कुसमरिया ने वित्तमंत्री जयंत मलैया पर टिकट कटवाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मलैया इस क्षेत्र में अपना एकछत्र साम्राज्य चाहते हैं, जिसके कारण मुझे टिकट नहीं मिलने दिया. भावुक होकर उन्होंने कहा कि हमने यहां पार्टी को खड़ा करने के लिए डकैतों से लोहा लिया और अब हम जैसे लोगों को हाशिए पर डाल दिया गया है.
शिवराज सरकार में पांच साल तक कृषि मंत्री रहे कुसमरिया ने हालांकि कहा कि दमोह से जयंत मलैया के खिलाफ खड़े होकर वे पार्टी की ही मदद कर रहे हैं, क्योंकि दमोह और पथरिया दोनों सीटें भाजपा हार रही थी. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव जीतकर वे भाजपा का ही समर्थन करेंगे.