शहर को नंबर 1 बनाने वाले पहले यूनियन कार्बाइड का कचरा तो साफ करें

शहर को नंबर 1 बनाने वाले पहले यूनियन कार्बाइड का कचरा तो साफ करें

भोपाल
देशभर में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में भोपाल को दूसरा नंबर मिला है। अब नंबर वन बनाने की बात चल रही है। लेकिन यह कैसा नंबर वन शहर है जहां दुनिया की भयावह त्रासदी हुई। यूनियन कार्बाइड कारखाने ने भोपाल शहर के हजारों लोगों को चंद मिनटों में मौत के घाट उतार दिया, उस फैक्ट्री में आज भी वो जगहरीला कचरा मौजूद है। हम कौन से नंबरों की बात कर रहे है? बिना जहरीला कचरा निष्पादन के कैसे हम भोपाल को सबसे स्वच्छ शहरों में गिन सकते है? कौन है ये लोग जो भोपाल को नंबर एक बनाने की बात कर रहे है। यह सवाल भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने भोपाल गैस त्रासदी की 34वीं बरसी पर आयोजित शोक सभा में कही। उन्होंने कहा कि गैस त्रासदी के 34 साल हो गए है लेकिन आज तक पीड़ितों को सरकारें न्याय नहीं दिला पायी है, मैं उन साथियों को सलाम करता हूं जो आज भी हिम्मत और साहस के साथ इस बेहरी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने बरसी के एक दिन पहले रन भोपाल रन का आयोजन किया जिसमें अभिनेताओं तक को बुलाया गया। यह इस बात को साबित करता है कि सरकार युवाओं के दिलों दिमाग से गैस त्रासदी के दर्द को भूला देना चाहती है। जब्बार ने कहा कि आज भी करीब 1.5 लाख लोग मुआवजे से वंचित है। 5 हजार से ज्यादा लोगों को ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है। यह दुभार्र्ग्य की बात है कि सरकार के पास आज तक सही आंकड़ें नहीं जुटा पायी, कि कितने लोगों को फेफड़ों की बीमारी है, कितने लोग कैंसर से पीड़ित है, कितने लोगों को आंखों की समस्या है, कितनों को सांस की समस्या है। कुल मिलाकर सरकारों ने सिर्फ औपचारिकता कर रही है। एक दिन शोकसभा कर लेती है, सरकार ने ये मान लिया है कि पीड़ित या संघर्षशील लोग एक दिन खत्म हो जाएंगे और यह लड़ाई भी खत्म हो जाएगी।

इसके पहले मंच से उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि आज हम मुख्यमंत्री या किसी अधिकारी को प्रतिवेदन देने नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से हम यह करते आए है लेकिन इस साल नहीं जाएंगे। उन्होंने मंच से विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता विश्वास सारंग के साफ सोशल मीडिया पर जारी फोटो का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों विश्वास सारंग मेरे घर आए थे उनके साथ कई कार्यकर्ता थे उन्होंने मुझे माला पहनायी उसके बाद कार्यकर्ताओं ने विक्ट्री साइन बनाकर शोर किया। जिसमें मैंने भी गलती से विक्ट्री का साइन बना दिया। और इतने में यह फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी गई। उन्होंने इस पुरे मामले साजिश करार देते हुए कहा कि मेरा पुरा जीवन लोगों ने देखा है। यह घटना होने के बाद मैंने अपनी फेसबुक वॉल पर भी धर्मनिरपेक्ष, प्रगतिशील व देशभक्त लोगों को वोट करने की अपील की थी। इस अपील को किसी ने ध्यान नहीं दिया। लोगों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए।

 मैं उन लोगों को बताना चाहता हूं कि 1992 के दंगों में हमने बिना डरे दो से तीन महीने काम किया, दंगा कमीशन को सैंकड़ों पेज की रिपोर्ट सौंपी।

सभा में मुख्य मांगों के लिए लड़ाई जारी रखने पर सहमति बनायी गई। जिसमें दोषियों को सजा, न्यायपूर्ण उचित मुआवजा, सभी गैस प्रभावितों को बेहतर इलाज, गैस विधवाओं तथा स्थाई बीमारों को आजीविका पेंशन कम से कम 2500 रुपया महीना, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में पड़ा जहरीला रसायन का निष्पादन व भोपाल स्मारक का निर्माण आदि शामिल है। कार्यक्रम की अध्यक्षता शान्तिदेवी ने की इसके अलावा भाकपा नेता शैलेन्द्र शैली, कांग्रेस के शाहनवाज खान, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उपस्थित थे।