भूपेश कैबिनेट बनते ही कांग्रेसियों में दिखा असंतोष, दो बड़े नेताओं ने जताया विरोध
रायपुर
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के 9 नए मंत्रियों ने मंगलवार को पद की शपथ ले ली. राज्य में 90 में से 68 सीटें जीतकर 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में असंतोष दिखने लगा है. सरकार में नियमानुसार मंत्रियों की अधिकतम संख्या मुख्यमंत्री समेत 13 होनी है. इनमें से 12 ने शपथ ले ली है. ऐसे में वे नेता जो मंत्री की दौड़ में शामिल थे, लेकिन पद नहीं मिला, वे नाराजगरी भी जता रहे हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमितेश शुक्ल की नाराजगी सामने आई. अमितेश शुक्ल ने कहा कि मेरे साथ अन्याय हुआ है. न्याय की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार से तीन पीढ़ियों का संबंध है. दिल्ली जाकर आलाकमान से अपनी कराऊंगा.
Amitesh Shukla,Congress MLA,Chhattisgarh:I've come to know that my name is not in the list of people who'll be taking take oath as cabinet ministers today.Our family has been associated with the Nehru-Gandhi family for the past 3 generations. I'll always expect justice from them. pic.twitter.com/XZYEt9PIuL
— ANI (@ANI) December 25, 2018
अमितेश शुक्ल के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के साथ-साथ पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेंद्र साहू को भूपेश कैबिनेट में स्थान नहीं मिला है. इस बात से वे काफी नाराज नजर आए. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि नई सरकार में कई वरिष्ठ नेताओं को हासिए पर रख दिया गया है. उन्हें मंत्री पद के योग्य ही नहीं समझा गया. धनेन्द्र ने कहा कि वे अब सामान्य कार्यकर्ता और विधायक के तौर पर अपने क्षेत्र और राज्य की जनता के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे.
धनेंद्र साहू के समर्थक भी अपने नेता को मंत्री ना बनाए जाने से नाराज नजर आए. समर्थकों का कहना था कि धनेंद्र साहू कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में मंत्री रह चुके हैं. वे अविभाजित मध्यप्रदेश में भी मंत्री रहे हैं. उनके समर्थकों को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें मंत्रीमंडल में जगह जरूर मिलेगी.