मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर पर होगी सर्जरी
भोपाल।
कांग्रेस सरकार के काम संभालने के बाद मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर पर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक सर्जरी होना तय है। इसमें मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कार्यालय में 'पूरे घर के बदल डालूंगा" की तर्ज पर काम होगा। वहीं, लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से हुई कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की पदस्थापनाएं बदली जाएंगी तो स्थानीय नेताओं के हिसाब से नगर निगम और नगर पालिकाओं में तैनाती होगी।
कुल मिलाकर मैदानी जमावट पूरी तरह से नई होगी। वहीं, पुलिस मुख्यालय में भी बदलाव की बयार चलेगी। प्रशासन और गुप्तवार्ता जैसी शाखा सबसे पहले प्रभावित होगी।
कांग्रेस में उच्च पदस्थ सूत्रों का मानना है कि 15 साल से भाजपा सरकार के साथ काम कर रहे अफसरों की निष्ठाएं संदिग्ध हो चुकी हैं। मैदानी जमावट भी इस अवधि में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने हिसाब से की। चुनाव से पहले तक अधिकारियों की पदस्थापनाएं की गईं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कार्यालय में लंबे समय से जमे अधिकारी और कर्मचारियों को पहली ही खेप में बदले जाने की तैयारी है। कुछ अधिकारी तो इन दफ्तरों में काम करते-करते सेवानिवृत्त हो गए और संविदा नियुक्ति भी ले ली।
ऐसे अधिकारियों पर सबसे पहले गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री के शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव स्तर पर सबसे पहले बदलाव होगा। इस पद के लिए एक जनवरी को अपर मुख्य सचिव बनने वाले आईसीपी केशरी, प्रमुख सचिव गृह मलय श्रीवास्तव, संजय बंदोपाध्याय (केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर) और मनु श्रीवास्तव का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
मौजूदा प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के साथ काम कर चुके हैं, लिहाजा उन्हें दूसरी कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। मुख्यमंत्री के ओएसडी पुलिस अफसर आदर्श कटियार की जगह भी नई पदस्थापना की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत उप सचिव और अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी बदले जाएंगे।
मुख्य सचिव के साथ उनका कार्यालय भी बदलेगा। मौजूदा मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह का कार्यकाल 31 दिसंबर तक है। इसके पहले ही नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में एसआर मोहंती, राधेश्याम जुलानिया, इकबाल सिंह बैंस और प्रभांशु कमल के नाम चर्चा में हैं। वहीं, कुछ अधिकारी एपी श्रीवास्तव में भी संभावनाएं तलाश रहे हैं।
इसके पीछे तर्क यह रखा जा रहा है कि जब सिंह के कार्यकाल में छह माह की वृद्धि की गई थी तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसके विरोध में आवाज उठाई थी। उन्होंने श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के उपलब्ध होने का हवाला भी दिया था। इसके साथ ही मुख्य सचिव के प्रमुख सचिव (समन्वय) की नियुक्ति होगी। सतीशचंद्र मिश्रा की संविदा अवधि समाप्त होने के बाद से यह पद रिक्त है। उप सचिव से लेकर कर्मचारियों की बदली भी होगी।
नया मुख्य सचिव बनने के साथ ही मंत्रालय में अपर मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर के अधिकारियों को नए सिरे से जिम्मेदारी तय होगी। कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी बड़े स्तर पर बदले जाएंगे, क्योंकि चुनाव के मद्देनजर सरकार ने कई पदस्थापनाएं की थीं। मंत्री, विधायक और स्थानीय समीकरणों को देखते हुए संभाग, जिला और तहसील स्तर पर प्रशासनिक बदलाव होगा। पुलिस मुख्यालय में भी खुफिया विभाग और प्रशासन में सबसे पहले बदलाव होगा।