मंदिर जाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
मंदिर को हम भगवान का घर मानते हैं। यहां पर किसी भी मज़हब या जाति के लोग आकर देवी देवताओं के दर्शन कर सकते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना कर सकते हैं। वैसे तो भगवान के दर्शन करने या उनके दरबार में हाज़िरी लगाने का कोई समय नहीं होता लेकिन कुछ नियम ज़रूर होते हैं जिनका पालन करना ज़रूरी होता है। ख़ासतौर पर अगर आप एक विदेशी हैं और हिंदू धर्म में आप ख़ास दिलचस्पी रखते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा।
हमारा यह लेख उन लोगों के लिए है जो भारतीय नहीं है लेकिन हिंदू धर्म को जानने में उनकी उत्सुकता है। चलिए जानते हैं अगर आप मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करना चाहते हैं तो कैसे तैयारी करें और किन बातों का ख़ास ध्यान आपको रखना चाहिए।
स्नान
स्नान करना एक नित्य क्रिया है। स्नान करने के बाद हम खुद को साफ़ सुथरा और शुद्ध मानते हैं इसलिए कोई भी पवित्र या शुभ कार्य करने से पहले स्नान करना हमारे लिए बेहद ज़रूरी होता है। अगर आप मंदिर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो सबसे पहले आप स्नान कर स्वच्छ हो लें।
साफ़ सुथरे कपड़े
दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए वो है आपके कपड़े। जी हां, नहाने के बाद साफ़ सुथरे कपड़े पहन कर ही मंदिर जाएं। ज़रूरी नहीं कि आप भारतीय पोशाक पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें। स्त्री हो या पुरुष दोनों मामूली कपड़े पहनकर जा सकते हैं। औरतें लंबी स्कर्ट या फिर ड्रेस पहन सकती हैं और पुरुष सामान्य पेंट शर्ट या टी शर्ट पहनकर जा सकते हैं। ध्यान रहे आप ढीले ढाले कपड़े ही पहन कर जाएं ताकि आपको मंदिर में ज़मीन पर बैठने में कोई परेशानी ना हो। भूलकर भी जानवरों की चमड़ी से बने कपड़ों को पहनकर मंदिर में प्रवेश ना करें।
प्रसाद
भगवान को बहुत सारी चीज़ें चढ़ावे के रूप में चढ़ाई जाती है जैसे फूल, वस्त्र और प्रसाद में फल या मिठाई। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह भगवान का सम्मान करने का एक तरीका होता है और इससे वे जल्द प्रसन्न होकर हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। मंदिर के आस पास बहुत सी दुकानें होती हैं जहां आसानी से भगवान को चढाने के लिए प्रसाद आपको मिल जाएगा। ऐसा ज़रूरी नहीं कि आप भगवान को ढेर सारा प्रसाद चढ़ाएंगे तभी वे आपसे प्रसन्न होंगे। भगवान के दरबार में सच्चे मन से की हुई प्रार्थना भी स्वीकार हो जाती है।
जूते चप्पल उतार कर ही मंदिर में प्रवेश करें
मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते चप्पल ज़रूर उतार लें। यह मंदिर के कड़े नियमों में से एक है। जूते चप्पल उतारकर हम भगवान के प्रति अपना आदर व्यक्त करते हैं। वैसे मंदिरों के बाहर जूते चप्पल रखने के लिए अलग से एक स्थान होता है। आप मोज़े पहनकर जा सकते है लेकिन ध्यान रखें मंदिर की ज़मीन मार्बल या अन्य किसी फिसलने वाले पत्थर से ना बनी हो।
कतार में चलें
मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही आपको कई देवी देवताओं की मूर्तियां दिखाई देंगी। उन मूर्तियों के आगे श्रद्धा पूर्वक हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और आगे बढ़ें। शायद वहां लंबी कतार हो जो पुरुष और महिलाओं के लिए अलग अलग हो। आप उस कतार में ही चलें।
भगवान की मूर्ति
जब आप भगवान की मूर्ति के समक्ष पहुंच जाएं तो पूरी श्रद्धा और पवित्र मन से अपने दोनों हाथ जोड़कर उन्हें नमस्कार करें। हिंदू धर्म में भगवान को नमस्कार करने के अलावा लोग घुटनो के बल झुककर भगवान को प्रणाम करते हैं और उनसे अपनी इच्छा पूरी करने के लिए प्रार्थना करते हैं। अगर आप ऐसा करना चाहें तो कर सकते हैं अन्यथा केवल हाथ जोड़कर नमस्कार करना ही काफी होता है।
प्रसाद चढ़ाएं
अगर आप अपने साथ प्रसाद लेकर आए हैं तो एक एक करके सभी मूर्तियों के आगे बैठे पंडितों को प्रसाद देते जाएं ताकि वे आपके द्वारा लाया हुआ चढ़ावा भगवान के चरणो में अर्पित कर सके। ध्यान रहे आप मूर्ति के एकदम समीप ना जाएं, वहां केवल पंडितों को ही रहने की अनुमति होती है।
चढ़ावा चढ़ाने के बाद पंडित जी प्रसाद के रूप में जो भी दें उसे बड़े ही आदरपूर्वक ले लें। प्रसाद को भगवान का आशीर्वाद माना जाता है। याद रखिये प्रसाद हमेशा सीधे हाथ पर ही लें।
मूर्तियों को हाथ न लगाएं
मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियों को भूलकर भी हाथ ना लगाएं। यह नियमों के खिलाफ होता है। साथ ही मोबाइल, कैमरा आदि जैसी चीज़ों का इस्तेमाल ना करें। मंदिर एक पवित्र स्थान होता है जहां आपको अपना व्यवहार एकदम शालीन रखना चाहिए जैसे धीरे धीरे बातें करना, धीरे से हंसना आदि। याद रखें मंदिर के अंदर धूम्रपान निषेध होता है।
दान करें
मंदिर के अंदर आप एक दान पात्र देखेंगे अगर आप चाहें तो अपने सामर्थ्य अनुसार दान कर सकते हैं। मंदिर के आस पास अगर आपको कोई गरीब या भिखारी दिखाई पड़े तो दान ज़रूर करें। मान्यताओं के अनुसार किसी दुखी की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य होता है। ऐसे में ईश्वर भी आपसे प्रसन्न होते हैं और आपकी पूजा सफल होती है। साथ ही आपकी प्रार्थना भी जल्द स्वीकार हो जाती है।