मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: बीजेपी के लिए ब्रैंड शिवराज ही एक्स फैक्टर

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: बीजेपी के लिए ब्रैंड शिवराज ही एक्स फैक्टर

भोपाल
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच इस बार पूरे राज्य में सीएम शिवराज सिंह चौहान बनाम अन्य की लड़ाई दिखने लगी है। शिवराज पिछले 15 वर्षों में बनी अपनी मामा की छवि के साथ जनता का विश्वास पाने की कोशिश में लगे हैं। पर, अब उनकी इस कोशिश में उनके अपने ही सबसे बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहे हैं। यहां मामला 'तुझसे बैर नहीं, तेरे लोगों पर ऐतबार नहीं' सा है।


शिवराज पिछले कुछ वर्षों में कल्याणकारी योजनाओं की बदौलत अलग इमेज गढ़ने में सफल रहे हैं। होशंगाबाद में किराना दुकान चलाने वाले अंजनी भगत बताते हैं कि शिवराज सरकार ने जन्म से लेकर मौत तक, हर मोड़ पर कुछ न कुछ देने के लिए योजनाएं बनाई है।

भगत कहते हैं, 'सीएम ने हर तबके को छुआ है। हर घर में कुछ न कुछ दिया है। उनकी छवि एक 'मैं हूं न' वाले सीएम की बन गई है, जो मृदुभाषी हैं और हमेशा उपलब्ध रहते हैं। इन बातों से लगता है कि अगर बीजेपी 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी कुर्सी की दौड़ में है तो इसके लिए ब्रैंड शिवराज ही एक्स फैक्टर है।'

शिवराज ठीक तो बदलाव की बात क्यों?
इसका जवाब बेतुल जिले से 15 किमी दूर सेहरा गांव में सरकारी स्कूल के शिक्षक रामवचन देते हैं। वह कहते, 'शिवराज की कई कल्याणकारी योजनाओं में स्थानीय स्तर पर गड़बड़ी होने लगी है। चूंकि 15 साल से एक ही दल सत्ता में है तो नीचे के कुछ लोग ताकतवर हो गए हैं और वे योजनाओं का लाभ अपने लोगों तक पहुंचाने पर अधिक ध्यान देते हैं।' अपने गांव की मिसाल देते हुए रामवचन कहते हैं कि लगभग दो हजार की आबादी वाले गांव में हमेशा तीन-चार सौ लोग ही सारा लाभ ले जाते हैं। सिस्टम में बदलाव के बिना सुधार नहीं आएगा और इस बार बदलाव के लिए वोट पड़ सकता है।