मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल गठन की कवायद तेज, इस तारीख को होगा शपथ ग्रहण, ये हैं संभावित मंत्री
भोपाल
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार अब अपने मंत्री बनाने जा रही है। इसकी कवायद गुरुवार शाम को तेज हो गई। कमलनाथ राज्यपाल से मिलकर गुरुवार देर शाम को दिल्ली रवाना हो गए। नाथ ने शपथ ग्रहण के लिए राज्यपाल से समय मांगा है। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा में नाथ ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंत्रियों के नामों को फाइनल किया जाएगा। नए चेहरों को इस बार मौका नहीं मिलेगा। नाथ ने मंत्रियों की शपथ ग्रहण को लेकर कुछ नहीं कहा। नाथ ने कहा कि 7 जनवरी को विधानसभा सत्र शुरू होगा, इसमें विधायकों का शपथ ग्रहण होगा। सूत्रों के मुताबिक समझा जाता है कि 22 या 23 को शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल गठन की कवायद तेज हो गई है। कमलनाथ शाम 6 बजे राजभवन पहुंच गए थे। उन्होंने देर शाम तक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ चर्चा की। इसके बाद शाम को 6.45 पर वे बाहर आए। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 7 जनवरी को विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मिलकर मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और समय भी तय कर लिया है। समझा जा रहा था कि 24 दिसंबर से आनंदीबेन पटेल अवकाश पर जा रही है, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार 23 को हो जाएगा। लैकिन, कमलनाथ ने घोषणा की कि 7 जनवरी को विधायकों की शपथ ग्रहण होगी। इस बीच मंत्रिमंडल गठन और मंत्रियों के शपथ ग्रहण को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले तीन दिनों के भीतर मध्यप्रदेश में सरकार का मंत्रिमंडल तैयार हो जाएगा। इसके बाद विभागों का बंटवारा भी कर दिया जाएगा।
कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण लेने के बाद सभी की निगाह अब कमलनाथ पर टिकी हुई है। नाथ के करीबी विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिए हैं कि मंगलवार रात तक मंत्रियों के नामों पर मंथन पूरा हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कमलनाथ दिल्ली से मंत्रियों की सूची फाइल कराकर ले आए हैं। अब कैबिनेट के मंत्री, राज्यमंत्रियों के नामों का ऐलान होना बाकी है। माना जा रहा है कि इस बार मंत्रियों की संख्या 37 हो सकती है। मंत्री बनने की चाह रखने वाले कई विधायक राजधानी चक्कर लगा रहे हैं। इसके अलावा जो मंत्री नहीं बन पाएंगे वे बोर्ड, निगम में जगह बना पाएंगे।
मध्य से पीसी शर्मा और अकील का नाम
-मध्य क्षेत्र से पांच मंत्री बनाने की चर्चा है। इसमें भोपाल उत्तर से आरिफ अकील, राजस्व मंत्री उमा शंकर गुप्ता को हराने वाले दक्षिण भोपाल से विधायक पीसी शर्मा, डा. प्रभु राम चौधरी, दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह और जयवर्धन सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है।
ये बन सकते हैं मंत्री
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में सबसे बड़ा मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें 37 नामों पर चर्चा संभव है। इनमें जातिगत समीकरणों और क्षेत्र को सामंजस्य बैठाने की कोशिश की जाएगी।
मालवा-निमाड़ से हो सकते हैं 11 मंत्री
कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, हुकूम सिंह कराड़ा, विजय लक्ष्मी साधौ, बाला बच्चन, तुलसी सिलावट, उमंग सिंगार, जीतू पटवारी, सचिन यादव, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, दिलीप सिंह गुर्जर या रामलाल मालवीय मंत्री बनने की दौड़ में हैं।
-विंध्य से बिसाहू लाल और कमलेश्वर पटेल का नाम सबसे आगे है।
-ग्वालियर-चंबल अंचल से छह विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। इनमें डॉ. गोविंद सिंह, केपी सिंह, एंदल सिंह कंसाना, लाखन सिंह, प्रद्मनयु सिंह और इमरती देवी प्रमुख हैं।
-बुंदेलखंड के जिन चार विधायकों को मौका मिल सकता है उनमें ब्रजेंद्र सिंह राठौर, गोविंद सिंह राजपूत, हर्षयादव और विक्रम सिंह शामिल हैं।
-इसके अलावा महाकौशल से 7 मंत्रियों को कमलनाथ की टीम में लेने की चर्चा है। इनमें एनपी प्रजापति, तरुण भानौत, दीपक सक्सेना, लखन घनघोरिया, ओमकार सिंह मरकाम, सुखदेव पांसे, हिना कावरे शामिल हो सकते हैं।
इनके अलावा कांग्रेस को समर्थन देने वाले दो निर्दलीय विधायकों प्रदीप जायसवाल और सुरेंद्र सिंह (शेरा) भी मंत्री बन सकते हैं।
ये बन सकते हैं विधानसभा अध्यक्ष
उधर, विधानसभा अध्यक्ष बनने की हौड़ में डॉ. गोविंद सिंह, केपी सिंह, डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, एनपी प्रजापति भी शामिल हैं। इनमें से किसी को यह पद सौंपा जा सका है।