मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए सावन में महिलाएं इस विधि से करें पूजा
27 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने वाला है। यह महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय होता है और इस महीने में भगवान शिवजी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस महीने में शिवलिंग की पूजा श्रृद्धा और भक्ति से की जाती है। सावन के महीने में महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भी भगवान शिवजी की पूजा करती हैं। लेकिन शिवजी की पूजा में महिलाओं और कन्याओं को कुछ सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिवजी की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि शिवजी की पूजा करते समय सावधानियां ना रखी जाएं तो आपको इच्छानुरुप फल नहीं मिलता और भगवान शिव प्रसन्न भी नहीं होते।
वैसे तो सावन में भोलेनाथ जी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह की पूज-पाठ किए जाते है लेकिन भगवान शिव से मनोवांछित फल पाने के लिए उसी अनुरुप पूजा की जाए तो जल्दी ही आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। अगर किसी को विवाह में कुछ परेशानियां आ रही है तो सावन के महीने में रोज शिवलिंग पर दूध में केसर मिलाकर चढ़ाएं। ज्योतिषियों के मुताबिक ऐसा करने से विवाह के योग जल्दी बनते हैं। सावन के महीने में बैल का हरा चारा खिलाना भी अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि इस महीने में बैल को खाना खिलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मन शांत रहता है।
1. सावन के महीने में घर में शिवलिंग की स्थापना करके उसकी पूजा की जाती है और भगवान शिवजी के मंत्रों का 108 बार जाप करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिवजी खुश होते हैं।
2. सावन के महीने में हर सोमवार पानी में दूध और काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करने से कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं।
3. सावन के महीने में हर सोमवार को किसी नदी और तालाब में आटे की रोटियों को मछलियों को खिलाने को भी शुभ माना जाता है।
महिलाएं शिवलिंग की पूजा करते समय इस बात का रखें ध्यान
शास्त्रों के अनुसार सावन माह में व्रत रखने से कन्याओं को अच्छा पति मिलता है। लेकिन शिवलिंग की पूजा करते समय कन्याओं को शिवलिंग को न छूने की सलाह दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाओं को शिवलिंग छूने की इजाजत नहीं होती। कहा जाता है कि इस दौरान भोलेनाथ तपस्या में लीन रहते हैं और किसी महिला के शिवलिंग को छूने से उनकी तपस्या भंग हो जाती है। यही कारण है कि महिलाओं को शिवलिंग छूने से मना किया जाता है। तो महिलाएं पूजा करते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें।