महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ बॉर्डर के पास के गांवों के हालात खराब, टेस्टिंग नहीं करा पा रही सरकार

महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ बॉर्डर के पास के गांवों के हालात खराब, टेस्टिंग नहीं करा पा रही सरकार

भोपाल
कोरोना अब प्रदेश के ग्रामीण अंचल में पैठ बनाने लगा है। इसे देखते हुए सरकार ने एहतिहात शुरू किए हैं पर अब ग्रामीण इलाकों में भी हालात गड़बड़ाने लगे हैं। यहां संक्रमित मरीजों के सैंपल की जांच रिपोर्ट में देरी मरीजों की संख्या में वृद्धि की वजह बताई जा रही है। सात हजार संक्रमितों में पांच हजार से अधिक मरीजों की रिपोर्ट आना बाकी है। उधर सीएम संक्रमण रोकने के लिए जागरुक करने आज जनप्रतिनिधियों से संवाद करने वाले हैं।

कोरोना संक्रमण ने अब प्रदेश की ग्रामीण आबादी को शिकंजे में लेना शुरू कर दिया है। पंचायतों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले में हालात यह हैं कि सात हजार से अधिक लोग सरकार के रिकार्ड में संभावित संक्रमित हैं जिनमें से 5171 के सैंपल टेस्ट के लिए लंबित हैं। सबसे अधिक संक्रमण महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से सटे जिलों में है। सरकार ने इन हालातों में संक्रमण की आशंका के मद्देनजर सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं।

पंचायतों में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के रिकार्ड राज्य सरकार जिला व जनपद पंचायतों के माध्यम से एकत्र कर रही है। इसके जो आंकड़े कल तक की स्थिति में सामने आए हैं, उनमें सबसे अधिक 1309 मामले महाराष्ट्र की सीमा से सटे बालाघाट जिले और 476 बैतूल जिले की पंचायतों में हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र से सटे सिवनी में 395, छिंदवाड़ा में 291, धार में 241, बड़वानी में 227, अलीराजपुर में 98 केस संक्रमण के सामने आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे सीधी जिले में 309, सिंगरौली में 6 और अनूपपुर में 45 मामले सामने आए हैं। साथ ही अत्यधिक संक्रमण वाले अन्य जिलों में देवास में 398, इंदौर में 205, जबलपुर में 199 ग्रामीण शामिल हैं।

पंचायतों में सात हजार से अधिक ग्रामीणों में संक्रमण के बाद उनकी टेस्टिंग के आंकड़े बताते हैं कि इनमें से 5171 के सैंपल टेस्ट के लिए लंबित हैं। इसमें सबसे अधिक 1007 मामले बालाघाट जिले के हैं। इसके अलावा बैतूल में 366, सीधी में 264, सिवनी में 340, देवास में 282, छिंदवाड़ा में 273, धार में 177 ग्रामीणों की जांच पेंडिंग है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण बढ़ने को लेकर चिंतित हैं। इसलिए सीएम चौहान ने पिछले दिनों जनता के नाम संबोधन में पंचायतों के नेताओं और सरपंचों से अपील की थी कि खुद कोरोना कर्फ्यू का निर्णय लें और लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें। अनावश्यक आवागमन न करें। बहुत जरूरी हो तो गांव के कुछ लोगों को बाहर सामान लाने के लिए भेजें और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनों की जान बचाएं। मुख्यमंत्री चौहान इसी के मद्देनजर आज फिर ग्रामीण क्षेत्रों के निकाय जन प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करने वाले हैं। पंचायत और ग्रामीण विकास ने सीएम के निर्देश पर हर पंचायत में कोविड केयर सेंटर बनाने का काम कराया है और इसके लिए पंचायतों को फंड भी जारी किया गया है। इसकी प्रतिदिन की मानीटरिंग भी सरकार करा रही है।