महिला जज को नहीं मिल रहा वेंटिलेटर, हालत बिगड़ी

महिला जज को नहीं मिल रहा वेंटिलेटर, हालत बिगड़ी

नई दिल्ली।  
दिल्ली में कोरोना की बेकाबू रफ्तार के बीच कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहीं एक महिला जज को अस्पताल में वेंटिलेटर बेड की सुविधा नहीं मिल पा रही है। अदालत के सूत्रों ने बुधवार को इस बारे में बताया। तीस हजारी कोर्ट में तैनात मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नूपुर गुप्ता दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि 32 वर्षीय न्यायाधीश की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है और उन्हें वेंटिलेटर की सख्त जरूरत है। नूपुर गुप्ता 22 अप्रैल को संक्रमित हुई थीं और उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल का भर्ती कराया गया। दिल्ली सरकार के 'दिल्ली कोरोना ऐप' के मुताबिक, शाम साढ़े चार बजे राजधानी में वेंटिलेटर के साथ आईसीयू के केवल पांच बेड ही उपलब्ध थे, जबकि इस तरह के कुल 1657 बेड हैं।
 
बता दें कि, दिल्ली की द्वारका जिला अदालत में कार्यरत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कामरान खान मंगलवार को निजी अस्पताल में कोरोना से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए थे। राजधानी में कोरोना से न्यायिक अधिकारी की यह दूसरी मौत है। इससे पहले साकेत जिला अदालत में तैनात न्यायाधीश कोवई वेणुगोपाल की इसी बीमारी से मौत हो गई थी। द्वारका अदालत में तैनात मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कामरान खान की कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। 19 अप्रैल को स्थिति बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली के विमहंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल ने भर्ती करने से पहले मजिस्ट्रेट के परिवार से अग्रिम राशि की मांग थी। जानकारी के मुताबिक, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।