मां का शव गोद में लिए डेढ़ घंटे अस्पताल में भटकता रहा बेटा, जानिए वजह
जमशेदपुर
मां का शव लिए आर्थिक रूप से लाचार बेटा करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल में दर-बदर भटकता रहा। हर कोई उसे कौतुहल भरी नजरों से देखता, डॉक्टर-कर्मचारी सभी मूक दर्शक बने रहे, पर मदद को कोई आगे नहीं आया। अमानवीयता का ये हतप्रभ करने वाला दृश्य बुधवार को कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में देखने को मिला।
परसूडीह के राहरगोड़ा निवासी रामप्यारी देवी (70) पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थीं। बुधवार सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर बेटा रमेश उन्हें ऑटो में लादकर एमजीएम ले आया। कुछ देर चले उपचार के बाद डॉक्टरों ने रामप्यारी को मृत घोषित कर दिया। रमेश ने बताया कि इसके बाद उसने शव को ले जाने के लिए वार्ड ब्वाय खोजा, पर पूरे अस्पताल में उसे वार्ड ब्वॉय नहीं मिला। स्ट्रेचर तक नहीं दिया गया। इसके बाद वह मां के शव को गोद में लेकर एंबुलेंस कक्ष तक आया। वहां कर्मचारियों ने बताया कि सरकारी एंबुलेंस शव नहीं ले जाते। इसके बाद रमेश एक ऑटो को लेकर आया, पर ऑटो वाले ने भी शव ढोने से मना कर दिया। अंतत: वह शव को गोद में लिये करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल में भटकता रहा। काफी देर तक वह अस्पताल के गेट पर खड़ा रहकर ऑटो खोजता रहा। बाद में ऑटो मिलने पर वह शव को लेकर वापस चला गया। रमेश ने बताया कि निजी एंबुलेंस का भाड़ा देने के लिए उसके पास उतने पैसे नहीं थे।
सफेद हाथी बनकर खड़े हैं तीन शव वाहन
एमजीएम अस्पताल को इसी माह तीन नए शव वाहन मिले हैं, पर सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है कि इन शव वाहनों को उपायुक्त स्तर से एक एनजीओ को चयनित कर आउटसोर्स कर सरकारी दर पर संचालित किया जाए। अब तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका है। मसलन तीनों शव वाहन महज सफेद हाथी बनकर अस्पताल में खड़े हैं।