मामूली डिफॉल्ट्स के लिए हजारों टैक्सपेयर्स को मिला नोटिस
मुंबई
मृदुला सेंट्रल मुंबई के मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर खड़ी कांप रही थीं। ऐसा तापमान में गिरावट की वजह से नहीं था, बल्कि इनकम टैक्स के सख्त प्रावधानों की वजह से जेल जाने का डर था, जो टैक्स डिफॉल्ट की गंभीरता नहीं देखता। उन्होंने अपने कर्मचारियों की सैलरी से एकत्रित टीडीएस को जमा कराने में करीब 30 दिनों की देर की थी।
कई छोटे कारोबार के लिए वेबसाइट प्रबंधन का काम करने वाली कंपनी में 6 स्थायी कर्मचारी हैं और काम बढ़ने पर फ्रीलांसर्स को जोड़ा जाता है। मृदुला उस समय हैरान रह गईं जब उन्हें I-T डिपार्टमेंट से (I-T ऐक्ट सेक्शन 276B और 278B ) से नोटिस मिला कि क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इन धाराओं का इस्तेमाल सरकार के पास टीडीएस ना जमा कराने पर किया जाता है। दोषी साबित होने पर तीन महीने से 7 साल तक की जेल हो सकती है। मृदुला (बदला हुआ नाम) के मुताबिक, उनके केवल 4 कर्मचारियों की सैलरी छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक है और टीडीएस (छोटी सी रकम) भी उन्होंने महीने भर की देरी से लेकिन वित्त वर्ष के दौरान ही जमा करा दिया था।
काले धन को रोकने के लिए, इनकम टैक्स अधिकारी दंडात्मक प्रावधानों का इस्तेमाल करते रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने पिछले कुछ महीनों में जारी कई नोटिसों का आकलन किया है। RTI के तहत मिली सूचनाओं के मुताबिक 2018 में हजारों लोगों को नोटिस भेजा गया है।
दिया गया है टारगेट
राजस्व बढ़ाने के लिए, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) चेयरमैन सुशील चंद्रा, ने हाल में अपने काडर को लिखे लेटर्स में टीडीएस जमा कराने में जानबूझकर डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ अभियोग चलाने को कहा है। CBDT ऐक्शन प्लान के तहत I-T अधिकारियों को नोटिस भेजने का टारगेट भी दिया गया है।
'जवाब के लिए कम समय'
बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की टैक्सेशन कमिटी के चेयरमैन और सीए अमीत पटेल ने कहा, 'टीडीएस लेट पेमेंट, सेल्फ असेसमेंट टैक्स में देरी, टैक्स रिटर्न नॉन फाइलिंग में देरी जैसी छोटी वजहों से भी नोटिस भेजा जा रहा है। इसके अलावा टैक्सपेयर्स को नोटिस का जवाब देने के लिए बहुत कम समय दिया जा रहा है।' ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिसनर्स के पूर्व प्रेजिडेंट और सीनियर ऐडवोकेट के शिवराम कहते हैं, 'I-T रिटर्न में देरी या फाइल नहीं करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों को भी नोटिस दिया जा रहा है।'
संगठनों का विराध
हाल ही में BCAS, IMC चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री और कुछ अन्य CA संगठनों ने राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे के सामने यह मुद्दा उठाया और छोटी-छोटी वजहों पर भी दंडात्मक प्रावधानों के इस्तेमाल का विरोध किया है। एक टैक्स अधिकारी ने कहा कि टैक्सपेयर्स को इन नोटिसों का जवाब प्रमुखता से देनी चाहिए।