मोहिनी एकादशी का ये है शुभ मुहूर्त, रूप-बुद्धि के लिए ऐसे करें पूजा
नई दिल्ली
वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस बार यह व्रत15 मई को रखा जाएगा. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को दानवों से बचाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था. मोहिनी एकादशी का व्रत विधिपूवर्क रखने से व्यक्ति में आकर्षण और बुद्धि बढ़ा सकता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं क्या है इस दिन व्रत रखने का शुभ मुहूर्त और कैसे पूजा करने पर मिलता है सौंदर्य और बुद्धि का वरदान.
मोहिनी एकादशी व्रत रखने का शुभ मुहूर्त-
-एकादशी तिथि प्रारंभ-14 मई 2019 को समय 12: 59 बजे
-एकादशी तिथि समाप्त-15 मई 2019 को समय 10:35 बजे
-पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय- 8: 15
-16 मई के दिन पारण(वत्र खोलने का समय)-5:34 से लेकर 08:15 तक
ऐसे करें व्रत और पूजा-
हिंदू शास्त्र के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की साधना करते हुए इस व्रत को रखना चाहिेए. व्रत रखने वाला व्यक्ति रात्रि जागरण भी करता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से उसे वर्षों की तपस्या का पुण्य प्राप्त होता है. एकादशी के दिन व्रती को एक बार दशमी तिथि को सात्विक भोजन करना चाहिए. एकादशी के दिन सूर्योदय काल में स्नान करके व्रत का संकल्प लेकर षोडषोपचार सहित श्री विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर भगवद् कथा का पाठ करना चाहिए.
मोहिनी एकादशी पर ऐसे मिलेगा बच्चों को बुद्धि का वरदान-
- मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पीले फल फूल और मिष्ठान से पूजा-अर्चना करें.
- 11 केले और शुद्ध केसर भगवान विष्णु को अर्पण करें.
-एक आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें.
- जाप के बाद केले का फल छोटे बच्चों में बाटें और केसर का तिलक बच्चों के माथे पर लगाएं.
मोहिनी एकादशी पर आकर्षण बढाने के लिए करें ये उपाय-
- मोहिनी एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें.
- दायें हाथ से पीले फल फूल नारायण भगवान को अर्पण करें और गाय के घी का दिया जलाएं.
- अब किसी आसन पर बैठकर नारायण स्तोत्र का तीन बार पाठ करें.
- एकादशी के दिन से लगातार 21 दिन तक नारायण स्तोत्र का पाठ जरूर करें.