यूपी सबसे महंगी बिजली वाला राज्य होगा

यूपी सबसे महंगी बिजली वाला राज्य होगा

 लखनऊ।
यूपी पावर कॉरपोरेशन द्वारा बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी कराने के लिए विद्युत नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव के विरोध में मंगलवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की। 

उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से पावर कॉरपोरेशन ने गरीब, बीपीएल शहरी किसानों की दरों में व्यापक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, उससे सरकार की छवि धूमिल हुई है। एक तरफ पावर कॉरपोरेशन सुधार के बड़े-बड़े दावे करता है, लाइन हानियों में कमी, उत्पादन लागत में कमी, सुधार के नाम पर इनाम बांटने की प्रक्रिया चालू करता है। दूसरी ओर आर्थिक स्थिति का रोना रोकर बिजली दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव देना पावर कार्पोरेशन प्रबन्धन की अक्षमता को जाहिर करता है। 

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री के सामने एक किलोवाट 100 यूनिट पर देश के अनेक राज्यों का घरेलू उपभोक्ताओं का  फिक्स चार्ज व एनर्जी चार्ज को  जोड़कर एक तुलनात्मक आंकड़ा पेश किया। इसे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो प्रस्तावित दरें हैं यदि वह लागू हो जाएं तो प्रदेश सबसे ज्यादा बिजली दर बढ़ाने वाला प्रदेश साबित होगा। 

गरीब व किसानों के साथ अन्याय नहीं होगा: ऊर्जामंत्री ने भरोसा दिलाया है कि पुरानी सरकारों के भ्रष्टाचार की वजह से बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसमें धीरे-धीरे अब सरकार सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब, बीपीएल व किसानों के साथ कोई भी अन्याय नहीं होने पाएगा। 

कहां कितना खर्च
राज्य    एक किलोवाट 100 यूनिट  पर कुल चार्ज
दिल्ली    125 रुपये (सरकारी 
              सब्सिडी के बाद)
गुजरात    343 रुपये
उत्तर प्रदेश    730 रुपये (प्रस्तावित         दर के आधार पर)
मुम्बई टाटा    493 रुपये
महाराष्ट्र     510 रुपये
मध्य प्रदेश     518 रुपये
कर्नाटक    502 रुपये
पंजाब    534 रुपये
बिहार    512 रुपये (सरकारी 
                 सब्सिडी के बाद)
राजस्थान    698 रुपये
छत्तीसगढ़    376 रुपये
हरियाणा    365 रुपये