राजनीति में आना है तो लिखित परीक्षा और इंटरव्यू देकर बन सकते हैं जेडीयू मेंबर

राजनीति में आना है तो लिखित परीक्षा और इंटरव्यू देकर बन सकते हैं जेडीयू मेंबर


नई दिल्ली
जेडीयू में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने प्रशांत किशोर ने राजनीति में 1 लाख युवाओं को जोड़ने के लिए एक नया प्रयोग शुरू किया है। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू की बदौलत में बिहार में पहली बार युवाओं को पार्टी में शामिल करने का एक बड़ा अभियान शुरू किया है। पार्टी का दावा है कि पूरे देश में युवाओं को सक्रिय राजनीति में लाने की ऐसी पहल अब तक नहीं की गई है। यह भी दावा किया जा रहा है कि राज्य में पार्टी का अगला नेतृत्व इन्हीं चयनित युवाओं को दिया जाएगा और 2020 के विधानसभा में इनमें से कई युवा टिकट पाने के हकदार होंगे।

अपना विजन बताएं और प्रशांत किशोर से मिलें
सूत्रों के अनुसार पार्टी में नए मेंबर बनने में कमी आने के रुख से चिंतित पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को इस मोर्चे पर काम करने का पहला टास्क दिया। पार्टी संगठन के स्तर पर राज्य में आरजेडी और बीजेपी के मुकाबले कमजोर साबित होती रही है। इसी स्थिति से मुकाबले के लिए संगठन का विस्तार करने के लिए इस तरह का प्रयोग किया गया है। नए मेंबर बनाने के लिए पार्टी ने प्रशांत किशोर के नेतृत्व में एक टीम बनाई है। इसके लिए एक टेलिफोन लाइन भी चालू की गई है। अगर कोई पार्टी से जुड़ना चाहता है तो वह फोन कर समय ले सकता है। इसके बाद उसे पटना आना होगा, जिसमें उसकी राजनीतिक समझ और झुकाव जानने के लिए एक प्रश्नावली वाला फॉर्म भरना होता है। इस फॉर्म को पढ़ने के बाद इनमें से युवाओं को शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा। इन युवाओं की प्रशांत किशोर से अकेले मीटिंग तय होगी। प्रशांत किशोर से साथ डायरेक्टर इंटरव्यू के बाद अगर युवा का चयन हो गया तो फिर उन्हें पार्टी में जिम्मेदारी दी जा सकती है।

इस काम में लगी टीम के अनुसार, अब तक 30 हजार से अधिक युवाओं ने राजनीति में जुड़ने की इच्छा दिखाई है। इसमें सभी तबके के युवा शामिल हैं। टीम का दावा है कि लोग अपना पैसा खर्च कर राजनीति में जुड़ने के मंशे से आ रहे हैं। इनकी औसत 35 साल है। टीम का दावा है कि अगले एक साल के अंदर पूरे राज्य में इस तरीके से पार्टी का बहुत बड़ा सक्रिय कैडर तैयार किया जाएगा। टीम ने कहा कि पूरे देश में युवाओं को प्रफेशनल तरीके से पार्टी में जोड़ने का अभियान आज तक किसी भी पार्टी में नहीं हुआ है।

बिहार में सीटों को लेकर फंस रहा है पेच
उधर बिहार में एनडीए में सीटों को लेकर पेच अभी फंसा हुआ है। 10 दिन पहले बीजेपी प्रेजिडेंट अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली में ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव में दोनों दल समान सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, इसके बाद एनडीए के एक अन्य सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा के बागी रुख अपनाने से यह मामला लटकता जा रहा है। अब उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुए उनके बयान पर गहरी आपत्ति जताई है, जिसमें नीतीश ने उनसे जुड़े सवाल को स्तरहीन कहा था। उपेंद्र कुशवाहा ने इस मामले को डीएनए से जोड़ते हुए कहा है कि उन्हें नीतीश कुमार ने नीच कहा है। उधर बीजेपी का दावा है कि एनडीए में सबठीक है और सभी दलों से बातचीत कर टिकट का मसला जल्द सुलझा लिया जाएगा।