राम मंदिर के लिए सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश कर रही है भाजपा: शिवपाल
लखनऊ
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गठबंधन को बेमेल बताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में मतदाता दोनों दलों के प्रत्याशियों को नकार देंगे। यादव ने शनिवार को कहा कि दोनों दलों इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों में राज्य में मिलकर लड़ने का ऐलान किया है। दोनों दलों का यह बेमेल गठबंधन है। प्रदेश के मतदाता दोनों दलों को चुनावों में नकार देंगे। उन्होंने कहा कि दोनों दलों ने अपने निजी हित के लिए गठबंधन किया है। इससे समाज का कोई भला नहीं होगा। मायावती ने कभी भी समाजवादियों का सम्मान नहीं किया। जो लोग गठबंधन का पक्ष ले रहे हैं उनको चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।
यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वादे न निभाने और जनता का भरोसा तोडऩे का आरोप लगाते हुये कहा कि चुनावों में फायदा लेने के लिए भाजपा राम मंदिर मसले को उठाकर सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश कर सकती है। ऐसे में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी चौकन्ना रहना होगा। अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं का धन्यवाद देते हुए यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं को चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव ने 2016 में सपा में सम्मान न मिलने का आरोप लगाया था। जिसके बाद भतीजे अखिलेश यादव के साथ उनका मनमुटाव हो गया था। यादव ने अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) पार्टी का गठन किया था। हालांकि वह अभी भी सपा से ही जसवंतनगर सीट से विधायक हैं। यादव ने फिरोजाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लडऩे का एलान किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। फिरोजाबाद सीट से शिवपाल सिंह यादव के भतीजे और सपा के महासचिव रामगोपाल यादव का बेटा अक्षय यादव मौजूदा सांसद हैं।