राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तय करेंगे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर लोकसभा सीटों का टिकट

भोपाल
भोपाल और इंदौर लोकसभा सीटों पर लगातार तीस वर्षो से लोकसभा का चुनाव हार रही कांग्रेस इस बार इन दोनों सीटों प्रदेश के दिग्गज नेताओं की सिफारिश पर टिकट नहीं दिया जाएगा। इन दोनों सीटों के अलावा ग्वालियर और जबलपुर लोकसभा क्षेत्र से भी प्रदेश के नेताओं की सिफारिश पर टिकट नहीं दिए जाएंगे।
हाल ही में दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में यह तय हो गया है कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर लोकसभा सीटों पर पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष राहुल गांधी ही टिकट तय करेंगे। इन चारों सीटों पर राहुल गांधी ने अलग से सर्वे कराया है। सर्वे के अनुसार ही वे यहां से उम्मीदवार उतारेंगे। गौरतलब है कि भोपाल और इंदौर में कांग्रेस ने आखिरी बार जीत वर्ष 1984 में दर्ज की थी। भोपाल के केएन प्रधान जीते थे, जबकि इंदौर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद सेठी चुनाव जीते थे। इसके बाद से हुए आठ चुनावों में कांग्रेस इन दोनों सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है।
वहीं ग्वालियर में कांग्रेस की स्थिति भोपाल और इंदौर की तुलना में खासी बेहतर रही है। यह सीट सिंधिया परिवार के प्रभाव की मानी जाती रही है। यहां से पांच बार लगातार माधवराव सिंधिया चुनाव जीते। इसके बाद वर्ष 2004 में भी कांग्रेस यहां से जीती थी। पिछला चुनाव कांग्रेस यहां से 28 हजार के लगभग मतों से हारी थी। वहीं जबलपुर में कांग्रेस आखिरी बार वर्ष 1991 में जीती थी। अब इन चारों सीटों पर राहुल गांधी ही तय करेंगे कि उम्मीदवार कौन होगा।
भोपाल लोकसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस भोपाल नवाब एवं भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके नवाब पटौती, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, आरिफ बेग जैसे नेताओं को मैदान में उतारती रही, लेकिन सफलता उसे नहीं मिली।
दिल्ली में यह भी तय हो चुका है कि प्रदेश की आधा दर्जन सीटों पर सिंगल नाम ही है। छिंदवाड़ा से नकुलनाथ, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, रतलाम से कांतिलाल भूरिया, सतना से अजय सिंह, खंडवा से अरुण यादव और मुरैना से रामनिवास रावत के नाम लगभग तय हैं।