डीडीए के फैसले के विरोध में कपिल मिश्रा ने केजरीवाल को लिखा खून से खत

  नई दिल्ली  ईस्ट एमसीडी को प्रस्तावित लैंडफिल साइट के लिए सोनिया विहार और घोंडा गुजरान में जमीन आवंटन किए जाने के डीडीए के फैसले को लेकर विरोध जारी है। आम आदमी पार्टी और बागी विधायक कपिल मिश्रा ने इसे लेकर एनजीटी में चुनौती दी है। दोनों ने अलग-अलग याचिका दायर कर आवंटन से जुड़े संबंधित फैसले को रद्द करने और आसपास के इलाके की स्टडी कराने की मांग की है। वहीं इसी बीच कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल को अपने खून से खत लिखा है। Kapil Mishra writes to Kejriwal against the DDA decisionआम आदमी पार्टी के बर्खास्त मंत्री ने अपने खत में लिखा कि किसी भी कीमत पर यमुना की ग्रीन बेल्ट पर लैंडफिल साइट को नहीं बनने दिया जाएगा चाहे इसके लिए खून की एक-एक बूंद ही कुर्बानी क्यों ना देनी पड़े। इसके साथ ही उन्होंने चुनौती दी कि यदि कल NGT कोर्ट में सुनवाई से राहत नहीं मिलती है तो वह आने वाले शनिवार से आमरण अनशन करेंगे। अपनी याचिका में कपिल मिश्रा ने कहा था कि दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एनजीटी को गुमराह किया है और यमुना फ्लड प्लान से संबंधित तथ्य छिपाए हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी रूप से इस जमीन पर लैंडफिल बनाया ही नहीं जा सकता। पूर्व विधायक ने कहा कि यमुना नदी वैसे ही प्रदूषित है, लैंडफिल के बाद यह और ज्यादा प्रदूषित हो जाएगी। साथ ही इसके आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए लैंडफिल का फैसला रद किया जाए।