वैनगंगा उफान पर, आफत की बाढ़ से चारों तरफ मचा कहर
बालाघाट
26 अगस्त की देर रात्रि से लेकर 29 अगस्त की प्रात: तक बालाघाट जिले में प्रारंभ हुई मूसलाधार बारिश और बाढ ने जिले के बालाघाट, लांजी, किरनापुर, लालबर्रा और कटंगी क्षेत्र में कहर बरपा दिया है। वहीं दूसरी ओर सिवनी जिले में भी भारी बारिश होने के चलते वैनगंगा पर स्थित भीमगढ़ डैम से लगभग 2 लाख 20 हजार से वैनगंगा नदी में छोड़ा गया था जिससे वैनगंगा नदी का जल स्तर इस कदर बढ़ा कि जिले के कई गांव और क्षेत्र जलमग्न हो गये। मुख्यालय सहित कई क्षेत्रो में बाढ़ के हालात बन गये और त्राहीमॉम मच गया। नदी के किनारे लगे ग्रामों में बाढ़ का पानी घुस आया और लोगो के मकान टापू में नजर आये। इस आफत की बाढ से अनेक परिवार प्रभावित हुए। किसी का आशियाना उजड़ गया तो कोई बाढ़ के इस कहर से पूरी तरह बर्बाद हो गये। इस दौरान प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में टीम बनाकर राहत और बचाव कार्य किए गए। जहां रेस्क्यू अभियान जारी कर बाढ़ के चपेट से लोगों की जान बचाई गई।
दरअसल, बालाघाट के पडोसी सिवनी जिले में भारी मात्रा में बारिश होने के कारण 28 अगस्त की रात्रि लगभग 12 बजे भीमगढ़ बांध से छोड़ा गया पानी जैसे ही बालाघाट जिले में प्रवेश किया वैसे ही लोगो की दहशत बढ़ गयी। इस दौरान वैनगंगा नदी में अपना कहर बरपाती आई आफत की बाढ ने जिले के कई गांव, कस्बों और क्षेत्रों को अपने आगोश में ले लिया। जैसे-जैसे पानी बढ़ता रहा, वैसे-वैसे लोगों का टेंशन बढ़ता गया। वैनगंगा नदी ने विकराल रूप धारण करके सटे ग्रामो को अपनी आगोश में लिया था, जिससे कई गरीब परिवार के आशियाने उजड गये तो कई अपने ही घर से बेघर हो गये।
जल सैलाब की चपेट में आने से कई किसानो की फसले चौपट हो गई, जहां आसपास पानी ही पानी नजर आ रहा है। वैनगंगा नदी में आये जल सैलाब को देखने जन सैलाब उमडता नजर आया। खतरे के संकेत मिलते ही लोगों की नींदे उड़ गई और नदी के निकट नीचले हिस्से में बसे परिवार रात्री भर जागकर वैनगंगा के जल की रफ्तार नापते रहे। कहर बनकर बरसी बारिश से आई आफत की बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह से तबाह कर दिया है। बहरहाल, सिवनी जिले में बारिश का दौर थमते ही भीमगढ़ बांध के 09 गेट बंद कर दिये गये है, जिससे वैनगंगा का जल स्तर भी धीरे धीरे कम होता नजर आया है। जिसके बाद बाढ पीडित लोगो ने राहत भरी सांस भी ली है। फिर भी बालाघाट जिला प्रशासन वैनगंगा नदी के जल स्तर पर अपनी नजर बनाए रखे हुए है। साथ सुरक्षा की दृष्टी से बाढ ग्रसीत क्षेत्रों में पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए है। वही बाढ़ से खतरा बढ़ने की सूचना मिलने पर जिले की 123 सीआरपीएफ बटालियन की फोर्स गांव गांव पहुंचकर राहत कार्य में जुटी रही।
भीमगढ़ डेम से छोड़े गये 2 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी के बाद नगरीय क्षेत्र में शंकरघाट, मृत्युजय घाट, गर्रा बॉटनिकल गार्डन, गायखुरी, गौरीशंकर नगर, रेगाटोंला, गोंगलई, खैरी, कुम्हारी, भटेरा, सहित अन्य क्षेत्र टापू में तब्दील हो गये। इस आफत की बाढ से जिला मुख्यालय का गौरीशंकर नगर, खैरी, कुम्हारी, भटेरा, गोंगलई, गायखुरी गांव अधिक प्रभावित हुआ। वही खैरलांजी के कुम्हली गांव में आई बाढ में फंसे 03 लोगो को हेलीकाप्टर से रेस्क्यू जारी कर बचाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। वैनगंगा नदी में जलभराव की स्थिति से कई मार्ग अवरूद्ध हो चुके है तो वही कई क्षेत्र, घर, परिवार, सडके तबाह हो चुकी है। जानकार बताते है कि आज से 26 वर्ष पूर्व इस तरह की बाढ जिले में आई थी जिसने खूब तबाही मचाकर जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया था। आज 26 वर्ष बाद बाढ़ का इतिहास दोहराया है।