सीएम साय की संवेदनशील पहल से दुर्याेधन राम को मिलेगा नया सहारा

सीएम कैंप कार्यालय बगिया से अब तक 2,856 मरीजों को मिला लाभ
रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल से दुर्याेधन राम की जिंदगी एक बार फिर नई मुस्कान से भर उठेगी। लगभग 10 वर्ष पूर्व हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में दुर्याेधन का दायां पैर काटना पड़ा था। यह घटना उनके लिए एक बड़ा सदमा थी। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय ने उनकी पीड़ा को समझते हुए उन्हें रायपुर इलाज के लिए भेजने का निर्णय लिया है, जहां दुर्योधन को कृत्रिम पैर लगाया जाएगा।
मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले ग्राम बोकी कारीताला निवासी दुर्याेधन के लिए यह दुर्घटना मानो जीवन पर पहाड़ टूटने जैसा थी। परिवार की जिम्मेदारियों के बीच अच्छे अस्पताल में इलाज कराना उनके लिए बेहद कठिन था। उनकी सबसे बड़ी इच्छा यही थी कि उन्हें कृत्रिम पैर मिल सके ताकि उसे अपने कामकाज में आसानी हो। उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यथा साझा की और कृत्रिम पैर लगवाने का निवेदन किया। आवेदन पर संजीदगी से संज्ञान लेते हुए कैंप कार्यालय ने तुरंत पहल की और उन्हें इलाज हेतु रायपुर भेजने का प्रबंध किया।
अपनी खुशी व्यक्त करते हुए दुर्याेधन राम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आम जनता की तकलीफों को अपना समझते हैं। कैंप कार्यालय हमेशा ही आम आदमी की मदद के लिए तत्पर रहता है।
कैंप कार्यालय में स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझते लोगों को मिलती है तत्काल मदद
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निजी निवास बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय आमजन के लिए उम्मीद और सहारा का केंद्र बन चुका है। यहां स्वास्थ्य की समस्या से जूझते बगिया पहुंचने वाले जरूरतमंद लोगों को हर संभव मदद भी सुनिश्चित की जाती है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सुलभ, त्वरित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य मितान हेल्पलाइन की शुरुआत की है। यह हेल्पलाइन सेवा जिले के उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जो लंबे समय से गंभीर बीमारियों या इलाज के अभाव में परेशान थे।
सीएम कैंप कार्यालय बगिया में प्राप्त आवेदन अनुसार अब तक इस पहल के अंतर्गत 2,856 मरीजों को इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सकीय सलाह, दवाइयाँ, अस्पताल में भर्ती की सुविधा, रेफरल सेवा और आवश्यकतानुसार एंबुलेंस की व्यवस्था कराई जा चुकी है।