शिक्षकों की भर्ती पर फिर लगा ब्रेक, नई सरकार के निर्णय तक आगे बढ़ाई परीक्षा तिथि
भोपाल
भाजपा सरकार में शुरू की गई शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में नई सरकार के आते ही ब्रेक लग गया है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पूर्व नाम व्यापमं) ने माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों की परीक्षा आगे बढ़ा दी है। शिक्षक बनने के लिये 7 लाख युवा कतार में हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों के लिये शिक्षक संवर्ग बनाया था। इसके लिये नई भर्ती नियम तैयार की गई और अध्यापकों से शिक्षक संवर्ग में जाने के लिये आवेदन मांगे गये। वहीं सरकार ने मध्यमिक शिक्षक के 5670 और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संवर्ग के लिये 17 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की। व्यापमं के माध्यम से आवेदन मांगे गये थे। तय कार्यक्रम के अनुसार व्यापमं को 29 दिसम्बर से उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा और 19 जनवरी से माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करना था। लेकिन, पीईबी ने तकनीकी कारणों को बताकर परीक्षा प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है।
उच्चतर माध्यमिक शिक्षक पद के लिये 17 हजार भर्तियां निकाली गर्इं थीं। इसके विरुद्ध 2 लाख 20 हजार आवेदन आये हैं। जबकि माध्यमिक शिक्षक के विज्ञापित 5670 पदों के लिये 4 लाख 78 हजार आवेदन आये हैं। यानि लगभग 7 लाख युवा नौकरी पाने की कतार में हैं।
अंदरखाने की माने तो शिक्षक भर्ती मामले में ब्रेक लगने के पीछे नई सरकार है। कांग्रेस सरकार भर्ती प्रक्रिया की गेंद अपने पाले में लाना चाहती है। इसलिये कुछ संशोधन या बदलाव होगा। भर्ती मामले की जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी को दी गई है। अधिकारी मंथन कर रहे हैं कि किस तरह से शिक्षकों की भर्ती को आगे बढ़ाया जाये। एक कारण यह भी सामने आया है कि पीईबी के डायरेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर को कलेक्टर बना दिया गया है। उनके स्थान पर नई पोस्टिंग नहीं हुई है। इससे भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।