शिवराज कैबिनेट ने सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश को दी मंजूरी

भोपाल. शिवराज सरकार ने नाराज विधायकों और सांसदों को खुश करने का फार्मूला तलाश लिया है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट की वर्चुअल बैठक में एक अहम फैसले पर मुहर लगाई गई. इस फैसले के मुताबिक सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब प्रदेश में सांसद और विधायक सहकारी संस्थाओं के सदस्य और पदाधिकारी बन सकेंगे. अभी तक इसको लेकर प्रदेश में रोक लग हुई थी.
माना जा रहा है कि बीजेपी में ऐसे विधायक जो मंत्री नहीं बन पाए हैं, उन्हें सहकारी समितियों में एडजस्ट कर खुश करने की कोशिश की जाएगी. हालांकि कैबिनेट के इस फैसले पर विपक्ष ने आपत्ति भी उठा दी है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार सहकारिता से जुड़े नेताओं का हक मार रही है. जनप्रतिनिधियों को सहकारी संस्थाओं में नियुक्त करने से भ्रष्टाचार बढ़ेगा. हालांकि बीजेपी ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया है.
कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 अगस्त की सभी को बधाई दी. और उन वीरों को नमन किया जिनकी वजह से देश को आजादी मिली है. सीएम शिवराज राजधानी में भारत माता की मूर्ति पर सुबह साढ़े 8 बजे पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और फिर ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां पर सभी मंत्री उपस्थित रहेंगे.
ध्वजारोहण का कार्यक्रम सभी जिलों में होगा. लेकिन जिलों में कोई भी समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा. कैबिनेट की बैठक में सीएम ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभाग की कार्य योजना बनाने के लिए निर्देश दिए हैं. 25 अगस्त तक सभी मंन्त्री ड्राफ्ट सीएम को देंगे. वेबीनार में आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को लेकर जो भी सुझाव मिले हैं, उनसे समग्र ड्राफ्ट तैयार कर सीएम प्रधानमंत्री तक भेजेंगे. ड्राफ्ट के अंदर प्रदेश सरकार का 3 साल का रोडमैप तैयार होगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि विभाग के सभी शिलान्यास और उद्घाटन के कार्यक्रम वर्चुअल करें. प्रदेश में कोरोना के 796 नए केस सामने आए और 570 डिस्चार्ज हुए. देश में एमपी 15 वें स्थान पर हैं. प्रदेश की रिकवरी रेट 75 प्रतिशत के आसपास है. प्रदेश में कोरोना के 20 हजार से ज्यादा टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पदभार ग्रहण करने के समय प्रदेश में 2600 बेड भी नहीं थे. आज 26 हजार से ज्यादा बेड हैं. इनमें ऑक्सीजन युक्त 7910 बेड हैं. ICU के 1948 बेड हैं. प्रदेश में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था है.