साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या 5 जनवरी को, आज दूर कर लें शनि के दोष

साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या 5 जनवरी को, आज दूर कर लें शनि के दोष


हिंदी कैलेंडर के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष के 15वें दिन अमावस्या तिथि आती है। इस समय वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पौष मास चल रहा है। जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, जनवरी की 5 तारीख को साल 2019 की पहली अमावस्या है। शनिवार को आनेवाली अमावस्या तिथि को शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है जिनका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व माना गया है। इस पर सोने पर सुहागा यह है कि इस दिन सूर्ग्रयहण का सूतक भी लगने जा रहा है लेकिन इसका प्रभाव भारत पर नहीं होगा क्योंकि ग्रहण यहां नहीं दिखेगा…

ऐसे में शनैश्चरी अमावस्या पर शनि महाराज के साथ आप चार ग्रहों को एक साथ प्रसन्न कर सकते हैं क्योंकि इस दिन धनु राशि में मौजूद शनि के साथ सूर्य, चंद्र, बुध भी विराजमान हैं। ग्रहों के इस संयोग के साथ शनैश्चरी अमावस्या पर ध्रुव योग भी बना है जो आपके द्वारा किए गए शुभ कार्यों का फल हमेश प्रदान करेगा।

शनि महाराज के साथ अन्य ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए जल में दूध, गुड़, तिल, उड़द मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करें। यह उपाय आप दिन में कभी भी कर सकते हैं। इस उपाय से जो लोग शनि की दशा, साढ़ेसाती, ढैय्या के प्रभाव में हैं उन्हें राहत मिल सकती है।

ऐसे करें व्रत और पूजन
शनिवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद एक साफ स्थान पर बैठें। आप चाहें तो मंदिर जाकर भी शनिदेव की पूजा कर सकते हैं। कई जगहों पर मान्यता है कि शनिदेव की मूर्ति घर में नहीं रखते हैं इसलिए मन ही मन शनिदेव का ध्यान करें।

शनिदेव की पूजा के लिए सरसों तेल का दीया जलाएं। और शनिदेव को नीले फूल अर्पित करें। रुद्राक्ष की माला से शनिदेव के मंत्रों का जप करें। बेहतर होगा कि आप 5 माला जप करें। शनि देव का वैदिक मंत्र- ओम प्रां प्रीं प्रौं शः शनैश्चराय नमः’ आप चाहें तो शनि पत्नी मंत्र और तांत्रिक मंत्र से भी जप कर सकते हैं।

दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। 11 बार पाठ करना उत्तम रहेगा। इस अवसर पर पितरों को भी प्रसन्न करके आप जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं। इसके लिए पीपल की पूजा करके पीपल के पत्तों पर 5 प्रकार की मिठाईयों को रखकर पितरों का ध्यान पूजन करें। पितरों को अर्पित किया गया प्रसाद घर नहीं लाएं, पूजन स्थल पर मौजूद लोगों में प्रसाद वितरण कर दें।