सिग्नेचर ब्रिज पर हुई मौतों से सबक लेना जरूरी
नई दिल्ली
जान चली गई तो कोई ताकत नहीं जो उसे लौटा सके। फिर भी, लोग हैं कि मानते नहीं। खासकर युवा वर्ग। वैसे तो घर की छत पर भी अगर लापरवाही बरती जाए तो जान जा सकती है, लेकिन अगर रोड पर ऐसा कुछ किया जाए, जिसमें जोखिम हो तो यह बेवकूफी ही तो कहलाएगी। भले ही इसके पीछे जोश ही क्यों न हो। लेकिन, अगर बिना होश के जोश में कोई काम किया जाएगा तो उसके परिणाम भयावह ही होंगे। बस ऐसा ही कुछ हो रहा है सिग्नेचर ब्रिज पर।
दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे ऊंचा ब्रिज है सिग्नेचर ब्रिज
राजधानी में नया-नया बनकर तैयार हुआ यह ब्रिज दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे ऊंचा ब्रिज है। यह शान की बात है और इसकी खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खींच रही है। लेकिन, सोचना तो यह चाहिए कि ब्रिज का काम तो पार कराना है, ना कि मनोरंजन करना। हां, दूर से इसकी खूबसूरती को निहारा तो जा सकता है, लेकिन इसके आकर्षण में ब्रिज के ऊपर जाकर ही बाइक से स्टंट करना या बीच सड़क पर ट्रैफिक के बीच सेल्फी लेना तो आग में कूदने जैसा ही है। पिछले दिनों सेल्फी या स्टंट के चक्कर में इस ब्रिज पर मौतें हुईं। जहां, शुरू में इस ब्रिज से जनता के सहूलियत की बात की जा रही थी, अचानक इसके खतरनाक होने को लेकर चर्चाएं होने लगीं। लेकिन, क्या वास्तव में यह ब्रिज खतरनाक है। हो सकता है, कुछ मोड़ या कोई उतार-चढ़ाव ऐसा हो जो ब्रिज पर वाहन चलाते समय दिक्कत पैदा कर रहा हो और जो भी थोड़ा होशियारी से नहीं चले, वह दुर्घटना का शिकार हो जाए। लेकिन, इसमें भी दोष तो उसी का होगा जो लापरवाही बरत रहा है।
यातायात नियम तोडऩा मतलब ‘आ बैल मुझे मार’
सिग्नेचर ब्रिज काफी लंबाई में है और दूर तक इस पर यू-टर्न भी नहीं है। ऐसे में लोग दूसरी दिशा में जाने के लिए डिवाइडर पार करते हैं। लोग अपने वाहनों को उठाकर डिवाइडर पार कराते हैं। ऐसे में यातायात नियमों का उल्लंघन तो होता ही है जान का खतरा भी बना रहता है। चूंकि इस रोड पर वाहनों की रफ्तार बहुत तेज होती है, ऐसे में अगर कोई डिवाइडर पार करने का प्रयास करे तो वह इन वाहनों की चपेट में आ सकता है। वन-वे रूल का नियम तोडऩे पर पुलिस चालान भी काट रही है यहां।
दोपहिया वाहनों पर तीन-तीन सवारियां
क्या इसे समझदारी कहेंगे कि एक तो तेज रफ्तार से आते-जाते वाहन, ऊपर से बाइक पर तीन-तीन सवारियां। कतई नहीं, तीन सवार बिठाने के बाद सबसे पहले तो यातायात नियम का उल्लंघन होता है, दूसरा बाइक या दोपहिया वाहन के दुर्र्घटनाग्रस्त होने का खतरा बन जाता है। सिग्नेचर ब्रिज पर प्रतिदिन यातायात पुलिस तीन सवारी बैठने के कारण एक दर्जन से अधिक चालान काट रही है।
बिना हेलमेट दोपहिया चलाने में भी पीछे नहीं लोग
सिग्नेचर ब्रिज कोई गली-मोहल्ला तो है नहीं जो बाइक या अन्य कोई दोपहिया चलाते समय हेलमेट नहीं लगाया जाए। यहां तो तेज रफ्तार वाहन आते-जाते हैं, इस रोड पर अगर बिना हेलमेट के दोपहिया चलाया जाए तो यह भी खुद के सिर खतरा मोल लेने जैसा ही है। यहां पर हुई दुर्घटनाओं के बाद यातायात पुलिस यहां पर सख्ती बरत रही है और प्रतिदिन बड़ी संख्या में ऐसे वाहन चालकों का चालान काटा जा रहा है जो बिना हेलमेट ब्रिज पर बाइक आदि चलाते हुए पहुंच जा रहे हैं।
तीन मौतों से फैली है सनसनी
सिग्नेचर ब्रिज पर हुई दुर्घटनाओं में तीन मौत हो जाने से सनसनी तो फैली ही हुई है, लेकिन लोग बाज नहीं आ रहे। पहली दुर्घटना में मरने वाले मेडिकल के दो छात्र थे। जबकि दूसरी घटना में गाजियाबाद के शंकर की जान चली गई और उसका भाई घायल हुआ। मेडिकल के दोनों छात्र स्टंट करने और सेल्फी खींचने के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए और उनकी जान चली गई। इन मौतों के बाद भी लोग मान नहीं रहे और जान जोखिम में डालकर वाहन चला रहे हैं।
हाई स्पीड बाइक पर करतब का पागलपन
देखने में आ रहा है कि हाई स्पीड बाइक जो काफी महंगी आती है, उसको तेज रफ्तार में चलाना और स्टंट करने का क्र्रेज युवाओं में खास हो गया है। महंगी बाइक से स्टंट करना महंगा पड़ रहा है और ऐसे लोगों की अकाल मौतों से परिवारों को दो-चार होना पड़ रहा है। पिछले साल की बात है कि पंद्रह साल का मोहम्मद उमर तब दुर्घटना का शिकार हो गया था, जब वह शास्त्री पार्क ब्रिज पर केटीएम बाइक पर स्टंट कर रहा था। परिवार वालों ने बताया था कि पड़ोसी की देखादेखी उसने भी जिद करके महंगी बाइक ली थी। यही नहीं मंगोलपुरी में अमित और जॉनी नाम के लड़के भी तेज रफ्तार के कारण दुर्घटना का शिकार हो गए थे। जिसमें जॉनी की जान चली गई थी। एक नहीं कई घटनाएं इस तरह से हो गई हैं, जिसमें परिवारों के घर के चिराग बुझ गए। बावजूद इसके लिए रफ्तार के शौकीन बाइकर्स चेत नहीं रहे हैं। अब जब सिग्नेचर ब्रिज पर मौतें हुईं तो सख्ती शुरू की गई है, लेकिन स्टंट को रोकने के लिए खास अभियान चलाना होगा। पुलिस के स्तर पर तो इसके लिए काम करना ही होगा, सामाजिक संगठनों के स्तर पर भी जागरुकता फैलाने के लिए अभियान चलाना होगा। अभिभावकों को समझाना होगा कि जिद पूरी करने के लिए वह कुछ ऐसा नहीं करें, जिनसे उनका प्यारा और दुलारा जिदंगी से हाथ धो बैठे।
ताबड़तोड़ कार्रवाई से कम हुए सेल्फी वाले
सिग्नेचर ब्रिज पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ताकि बाइकर्स स्टंट ना कर सकें वाहन सवार यातायात नियमों का पालन करें। सोमवार को पुलिस ने बड़ी संख्या में चालान काटे। ब्रिज पर सबसे ज्यादा बगैर हेलमेट चलने वाले बाइक सवारों का चालान किया गया। ब्रिज पर एक क्रेन रखी गई है, ताकि जरूरत पडऩे उसका इस्तेमाल किया जा सके। पुलिस की इस सख्ती से सेल्फी लेने वालों और स्टंट करने वालों की संख्या में कमी आई है। हालांकि पुलिस के जाने के बाद लोगों का दोबारा से जमावड़ा शुरू हो जाता है।