स्वच्छता रैंकिंग में टॉप-10 में आने निगम की कवायद तेज, झोंक दी पूरी ताकत
धमतरी
पहले साल में स्वच्छता रैकिंग में पिछडऩे के बाद इस बार रैकिंग बढ़ाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जनवरी महीने में दिल्ली से जांच के लिए टीम आएगी। इसे देखते हुए शहर में निगम का अमला दो शिफ्ट में वृहद पैमाने पर स्वच्छता अभियान चला रहा है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के साथ ही घर-घर शौचालय की व्यवस्था भी देख रहे हैं।
केन्द्र सरकार ने पिछले साल से नगरीय निकायों के बीच स्वच्छता को लेकर वृहद पैमाने पर काम्पीटिशन शुरू किया है। इसके लिए एक लाख की आबादी से कम और इससे ज्यादा अलग-अलग केटेगरी में नगर पंचायत, पालिका, निगम और महापालिक को रखा गया है। बीते साल धमतरी को अपने केटेगरी में देशभर में 35वां नंबर मिला था, लेकिन इस साल टॉप-10 शहरों की सूची में स्थान बनाने के लिए निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की भौतिक जांच जनवरी महीने में होगी। इसलिए अभी से नगर निगम प्रशासन ने शहर में स्वच्छता के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दिया है। उल्लेखनीय है कि शहर के 40 वार्डो में 54 सार्वजनिक सुलभ शौचालय है। इसके अलावा खुले में कोई शौच न जाए, इसलिए करीब 6 हजार से ज्यादा घरों में सरकारी मद से शौचालय भी बनाया गया है।
एप्लीकेशन डाउन पर जोर
करीब डेढ़ साल की मशक्कत के बाद निगम प्रशासन की ओर से अब तक सिर्फ 7 हजार स्वच्छता मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड किया गया है। इसमें फीडबैक देने का आंकडा है, वह अभी इतना कम है कि धमतरी शहर को इसमें आगे रहना आसान नजर नहीं आ रहा।
जनता से 35 अंक पाने जद्दोजहद
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण जनवरी के पहले पखवाड़े में होगा। यह परीक्षा विविध केटेगरी में होगी। करीब 4 हजार अंकों की इस परीक्षा 35 फीसदी अंक केवल जनता की भागीदारी के मामले में मिलेंगे। ऐसी स्थिति में लोगों को जागरूक करने के लिए निगम अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।
धमतरी के कमिश्नर रमेश जायसवाल ने बताया कि स्वच्छता के लिए निगम प्रशासन चौबीस घंटे काम कर रहा है। हमारी कोशिश स्वच्छता रैकिंग में टॉप-10 में आना है। इसके लिए जनता की भागीदारी भी बढ़ाई जा रही है।