होम आइसोलेशन में पुरानी बीमारी छिपाना पड़ सकता है भारी

लखनऊ
कोरोना का संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, इसमें थोड़ी भी लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है। कई लोग अपनी बीमारी को छिपा ले रहे हैं और डॉक्टरों को नहीं बता रहे। इससे उनकी स्थिति दो-तीन दिन बाद ही गंभीर हो जा रही है। तबीयत बिगड़ने पर इन्हें ऑक्सीजन और वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ रही है। इसका खुलासा कोविड कंट्रोल रूम में मरीजों के घर वालों द्वारा फोन कर मांगी जा रही मदद से हुआ है। मरीजों की इस लापरवाही से डॉक्टर चिंतित हैं और उनका स्पष्ट कहना है कि चाहे कोई भी बीमारी हो, बिल्कुल न छिपाएं। इससे समय पर सही इलाज नहीं मिल पाता और मरीज की जान पर बन आती है। इसलिए अगर आप होम क्वारंटाइन होने जा रहे हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें-
1. बीमारी न छिपाएं: आपको कोई भी बीमारी हो, इसे डॉक्टर को जरूर बताएं। कोविड कंट्रोल रूम में फोन कर मदद मांगने वालों ने अस्पताल जाने के डर से अपनी बीमारी छिपाई और होम आइसोलेशन रहने का विकल्प चुना। बाद में उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई।
2. पुरानी बीमारी साझा करें: अगर किसी कोराना संक्रमित को कोई पुरानी बीमारी है तो उसे स्वास्थ्य विभाग की टीम से जरूर साझा करें। ताकि उन्हें बीमारी की गम्भीरता के आधार पर अस्पतालों में शिफ्ट कर तत्काल उपचार दिया जा सके।
3. इन बीमारियों के लोग ज्यादा सतर्क रहें: यदि किसी को अनियंत्रित डायबिटीज, गुर्दा, हाई ब्लड प्रेशर, दिल, अस्थमा, टीबी, कैंसर या अन्य गंभीर बीमारी है तो ऐसे लोग कोरोना पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेशन का विकल्प कतई न चुनें। इन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना जरूरी है।
4. हेल्पलाइन की मदद लें: राजधानी के संक्रमित या सामान्य लोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्पलाइन हेलो डॉक्टर सेवा के नम्बर 0522-3515700 पर कॉल कर उपचार व अन्य कोई भी जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा कोविड कमांड कंट्रोल रूम के इन नंबरों 0522-4523000, 0522-2610145 पर भी बात कर सकते हैं।
5. होम आइसोलेशन में यह अपनाएं: परिवार के सदस्यों से खुद को अलग रखें, स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताई गई दवाएं समय पर खाएं, किसी प्रकार का तनाव न लें, ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन के स्तर की नियमित जांच करें, सांस लेने में तकलीफ होने पर हेल्पलाइन पर सम्पर्क करें, भोजन में हरी सब्जी व मौसमी फल और पानी पीयें, योग और कसरत करें, साफ-सफाई का विशेषज्ञ ध्यान रखें, हाथों को समय-समय पर साबुन से धोते रहें, वस्तुओं को कम से कम छुएं, खांसते-छींकते वक्त रुमाल का प्रयोग करें
स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमितों को फोन कर सेहत का हाल लेती है। पुरानी बीमारियों के बारे में जानकारी पूछती है। इसके बावजूद मरीज पुरानी बीमारी छिपाकर होम आइसोलेशन का विकल्प चुनते हैं। ऐसा करना कतई ठीक नहीं है। तबीयत बिगड़ने पर इन्हें प्राथमिकता के आधार पर भर्ती कराया जाता है। - डॉ. संजय भटनागर, सीएमओ