चंडीगढ़ पीजी इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने राज्य के डाक्टरों को कोविड मैनेजमेंट की नवीनतम जानकारी साझा की

चंडीगढ़ पीजी इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने राज्य के डाक्टरों को कोविड मैनेजमेंट की नवीनतम जानकारी साझा की

रायपुर
चंडीगढ़ पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट एवं यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में गत दिवस क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट आफ कोविड 19, चैलेंज एंड रिकमेंडेशन पर एक वेबिनार आयोजित किया गया। चंडीगढ़ पोस्ट गे्रजुएट इंस्टी्ट्यॅट पीजी आईएमईआर के इंटेंिसंव केयर यूनिट एवं एनेस्थेसिया के विभागाध्यक्ष डॉ. जीडी पुरी इसके मुख्य वक्ता थे।

वेबीनार में राज्य की राष्टीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला, यूनीसेंफ के हेल्थ विशेषज्ञ डा श्रीधर ने संयोजक, मेकाहारा के विशेषज्ञ डॉ. ओपी सुंदरानी, डॉ. सुभाष मिश्रा, चंडीगढ़ के चिकित्सकों में डा. राजराजन गणेशन, डा. नोएल जेम्स, डा. इन्दरपाल सिंह सहगल, डा. अनन्या राय, डा. मनोज गोयल, डॉ. जयमुरली धरन ने भाग लिया। वेबीनार में छत्तीसगढ़ के मेडिकल कालेजों के कोविड मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर, जिला अस्पतालों एवं प्राइवेट अस्पतालो के डाक्टर ने भाग लिया।

डॉ. पुरी ने कोविड मरीजों के इलाज ,कोविड मैनेजमेंट एवं उनके इलाज आदि के संबंध में नवीनतम जानकारी साझा की। वेबीनार मे डॉ पुरी ने कहा कि कोरोना के संकमण के केस बढ़ रहे हैं। संक्रमण को कम करने की जिम्मेदारी मेडिकल स्टॉफ के साथ ही समाज की भी है। यह इस सदी का भयावह पैन्डेमिक है। इसकी रोकथाम के लिए समाज को भी आगे आकर कार्य करना चाहिए। चिकित्सकों ने इलाज में उपयोग हो रही दवाइयो हाइडोक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, रेमंडेसिविर, एंटीवायरल दवाइयों एवं मरीजों के इलाज के संबंध में प्रश्नों का समाधान किया। डॉ. पुरी ने कहा कि वर्तमान रिसर्च मे यह देखा गया कि प्लाज्मा थेरेपी के सकारात्मक परिणाम सामने नही आए। इसलिए इतने महंगे उपचार की आवश्यकता नही देखाी गई। चंडीगढ़ की टीम ने डाक्टरो की शंकाओं का समाधान किया और भविष्य में भी हर संभव परामर्श का आश्वासन दिया।