जहरीली शराब से मौत पर आबकारी मंत्री ने मानी चूक, चूहे मारने की दवा मिलाने का संदेह

जहरीली शराब से मौत पर आबकारी मंत्री ने मानी चूक, चूहे मारने की दवा मिलाने का संदेह

 
लखनऊ 

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से 100 से ज्यादा लोगों की हुई मौत पर राज्य सरकार तेजी से कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस बीच हर किसी के जेहन में यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर इस जहरीली शराब में क्या-क्या मिलाया गया था जिसने 100 से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दी. राज्य के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने भी माना कि आबकारी विभाग से बड़ी चूक हुई है और यह आशंका भी जताई कि कहीं शराब में चूहे मारने वाली दवा तो नहीं मिलाई गई थी, इसकी जांच की जा रही है.

अब तक जहरीली शराब के सेवन के कारण 109 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में माना कि जहरीली शराब मामले में आबकारी विभाग से बड़ी चूक हुई है और यह चूक का ही नतीजा है कि इतनी मौतें हुई हैं. उन्होंने यह भी माना कि कहीं ना कहीं पुलिस की मिलीभगत या फिर लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है. पुलिस को जिम्मेदार मानते हुए कुशीनगर और सहारनपुर से लेकर कई जगहों पर दर्जनों पुलिस के लोग निलंबित किए गए हैं.

जय प्रताप सिंह के मुताबिक सहारनपुर के देवबंद में मरे लोगों ने उत्तराखंड में एक समारोह के दौरान जहरीली शराब पी थी, जहां से लौटने के बाद ही उनकी तबीयत बेहद खराब हो गई और इसके बाद मौत का सिलसिला शुरू हो गया. उनके मुताबिक सरकारी आंकड़े के तौर पर अभी तक सिर्फ 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है. मंत्री के मुताबिक अभी तक यह साफ नहीं है कि जहरीली शराब में क्या मिला था, जिससे यह इतनी जानलेवा साबित हो गई.

चूहे मारने वाली दवा तो नहीं मिली

उन्होंने यह भी कहा कि इथाइल अल्कोहल के अलावा जांच इस बात पर भी हो रही है कि कहीं कोई चूहे मारने वाली दवा तो नहीं मिली थी? उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट में ही इस बात का खुलासा हो पाएगा कि आखिर जहरीली शराब में किस केमिकल की मिलावट थी.

इस बीच लखनऊ में पूर्व सपा नेता और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने जहरीली शराब पीने से हुई मौत पर यूपी की वर्तमान और पूर्ववर्ती सरकार दोनों पर निशाना साधा और कहा कि सरकार में किसी का भला नहीं हो रहा और किसी के मौत के बाद कार्रवाई का कोई फायदा भी नहीं होता.

उन्होंने यह भी कहा कि इन पर बहुत पहले ही कार्रवाई की जानी चाहिए थी. उत्तर प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं जहां नंबर दो की शराब नहीं बिक रही. इस मामले में अखिलेश सरकार को भी लपेटे में लेते हुए शिवपाल ने कहा कि हमारी सरकार में भी यही हाल था, लेकिन हमने आवाज उठाई तो उसका खमियाजा भुगतना पड़ा.

जहरीली शराब से लगातार हो रही मौत के बाद प्रदेश में प्रशासनिक कार्रवाई तेज कर दी गई है. उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग के मुताबिक अब तक 297 लोगों पर मुकदमा दर्ज करके 175 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं सहारनपुर में 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया जा चुका है. फिलहाल मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और दोनों राज्यों में मिलाकर अब तक कुल 109 लोगों (उत्तर प्रदेश में 77 और उत्तराखंड में 32) की मौत हो चुकी है.