महाकाल की नगरी में सालों बाद क्षिप्रा का पानी आचमन योग्य, श्रद्धालुओं का तांता
उज्जैन
मकर संक्रांति पर्व पर वर्षों बाद ऐसा मौका आज उज्जैन में आया जब क्षिप्रा का पानी आचमन के योग्य पाकर हजारों श्रद्धालु गद्गद हो उठे। यहां उन्होंने क्षिप्रा नदी में संक्रांति पर पुण्य स्नान के बाद बाबा महाकाल के दर्शन किए। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर यहां चाकचौबंद व्यवस्था की है। यहां घाटों पर सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले कर्मचारियों की टीम दिन भर तैनात रही।
मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने कहा है कि उज्जैन संभाग के कमिश्नर और कलेक्टर समेत अन्य अफसरों के बीच को आर्डिनेशन ने क्षिप्रा नदी को प्रवाहमान किया है और यह स्थिति लगातार बनाए रखनी है। उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सेवाएं सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। अभी जो व्यवस्थाएं की गई हैं वे उत्तम हैं और इसे लगातार बनाए रखना है। इस मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उज्जैन में घाटों के निरीक्षण के बाद सीएस मोहंती ने कल अफसरों की बैठक में ये निर्देश दिए थे। रविवार को मकर संक्रांति पर्व पर स्नान हेतु की गई व्यवस्थाओं का त्रिवेणी घाट जाकर जायजा लिया। उन्होंने पानी की उपलब्धता, साफ सफाई ,फव्वारे आदि का अवलोकन किया तथा व्यवस्था पर संतोष जताया।
मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर उज्जैन में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए घाट तैयार हो चुके हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त बैरिकेडिंग, लाइफ गार्ड, बोट्स, होमगार्ड्स, लाइट एवं सार्वजनिक घोषणा की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही राम घाट पर अस्थाई कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। pic.twitter.com/mKZEK5mHbS
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) January 13, 2019
कलेक्टर शशांक मिश्रा को कल निरीक्षण के दौरान सीएस मोहंती ने वेल डन कहते हुए कहा था कि पर्वों को लेकर हमेशा सतर्कता रखना है। घाट के अवलोकन के बाद मुख्य सचिव ने त्रिवेणी पर खान नदी एवं शिप्रा नदी के मिलन स्थान पर बनाए जा रहे मिट्टी बंधान का अवलोकन भी किया। इस मौके पर कमिश्नर अजीत कुमार भी मौजूद रहे।
कलेक्टर शशांक मिश्रा ने बताया कि चूंकि संक्रांति आज शाम से शुरू हो रही है। इसलिए प्रशासन ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं के मद्देनजर आज से ही पूरी व्यवस्था कर रखी है। कल भी जो लोग संक्रांति पर्व मनाएंगे, उन्हें प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्था मिलेगी। क्षिप्रा का शुद्ध जल लगातार मिलता रहेगा।