सादगी की मिसाल मनोहर पर्रिकर का जबलपुर से भी था पुराना रिश्ता
जबलपुर
पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के अचानक निधन से पूरे देश मे शोक की लहर हैं। भाजपा पार्टी के नेता ही नही बल्कि विपक्ष के नेता भी मनोहर पर्रिकर की मौत को देश के लिए बड़ी क्षति मान रहे है। जबलपुर से भी मनोहर पर्रिकर का पुराना रिश्ता रहा है। मनोहर पर्रिकर दो बार जबलपुर आए और दोनो ही बार उन्होंने जबलपुर के विकास की डोर बांधी।
मनोहर पर्रिकर के खास दोस्तों में से एक जबलपुर के डॉ जितेंद्र जामदार जिन्होंने लंबा समय स्व मनोहर पर्रिकर के साथ गुजारा था। गोवा के सीएम रहे स्व मनोहर पर्रिकर के विषय मे बताते हुए डॉ जामदार ने बताया कि उनकी अचानक मौत से देश ने एक अमूल्य नेता खो दिया है। उन्होंने ये भी कहा कि विश्वास नही होता कि कोई केन्द्रीय मंत्री बिना पीए के खुद फोन लगाते हुए ये बोले कि मैं मनोहर पर्रिकर बोल रहा हूँ तो सुन कर अचंभा भी हुआ। उनके स्वभाव के अंदर जो सरलता थी उसके तो सभी कायल थे। अपने यहाँ हुए विवाह समारोह को याद करते हुए डॉ जितेंद्र जामदार ने कहा कि उस समारोह में एक आम इंसान की तरह खुद प्लेट लेकर लाइन में लगकर खाना लेना वो फ़ोटो भी उनका बहुत वायरल हुआ था। ऐसा सरल नेता आज तक न कभी पैदा हुआ है और न होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 के मापुसा में हुआ था| मनोहर पर्रिकर का पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्णन प्रभु पर्रिकर है| मनोहर पर्रिकर ने 1978 में IIT मुंबई से ग्रेजुएशन किया| मनोहर पर्रिकर भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने IIT ग्रेजुएशन किया था| पर्रिकर को 2001 में IIT मुंबई ने विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की थी| पर्रिकर गोवा में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने थे| 1994 में मनोहर पर्रिकर गोवा की द्वितीय व्यवस्थापिका के लिए चयनित किया गया था| 24 अक्टूबर 2000 को वह गोवा के पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन सरकार 27 फरवरी 2002 तक ही चल पाई. जून 2002 में वह दोबारा सभा के सदस्य बने और 5 जून 2002 को एक बार फिर गोवा के सीएम बने| पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें केंद्र में रक्षा मंत्री बनाया था| मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते हुए भारतीय सेना ने दो बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था. नवंबर 2017 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर 'सर्जिकल स्ट्राइक' करते हुए कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था| इस ऑपरेशन में पैरा स्पेशल फोर्स के 25 कमांडो एमआई-17 हेलिकॉप्टरों में सवार होकर पीओके में तीन किलोमीटर अंदर तक गए थे. इन्होंने दुश्मन को बड़े पैमाने पर नुकसान किया और वापस लौटे तो हमारे जवानों को खरोंच तक नहीं आई थी| राजनीति में उन्होंने काफी तेजी से तरक्की की और विपक्षी नेता बनने के महज एक साल के अंदर वह गोवा के मुख्यमंत्री बन गए. पर्रिकर पांच सालों तक 2000 से 2005 के बीच राज्य के सीएम रहे. इसके बाद वह फिर से 2012 से 2014 के बीच सीएम बने. साल 2014 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्होंने दिल्ली बुला लिया गया. यहां उन्होंने रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली|