3 राज्याें में जीत के बावजूद भी UP में कांग्रेस काे गठबंधन में शामिल करने पर सस्पेंस

3 राज्याें में जीत के बावजूद भी UP में कांग्रेस काे गठबंधन में शामिल करने पर सस्पेंस

लखनऊ
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करते हुए सरकार बनाने जा रही है, वहीं तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति और मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को जीत हासिल हुई है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले तीन राज्यों की सत्ता से बाहर हो जाना वाकई बीजपी के लिए बहुत बड़ा झटका है। राजस्थान और छतीसगढ़ में तो कांग्रेस ने जीत हासिल कर ली, लेकिन मध्य प्रदेश में बहुमत के आकड़े से 2 सीट दूर रह गई। जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी नीति को पराजित करने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा करके किंगमेकर की भूमिका निभाई है।

इन चुनावों में बसपा ने सपा से अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अकेले चुनाव लड़ने का नुकसान पार्टी को ही उठाना पड़ा। बसपा को राजस्थान में 6 और मध्य प्रदेश में 2 सीटें हासिल हुई है। वहीं कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में 99 सीट जीती। पार्टी को मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 में से 114 सीटें मिली है। कांग्रेस को सरकार का गठन करने के लिए मध्यप्रदेश में 2 विधायक चाहिए थे। जिसके बाद बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए बसपा ने मध्यप्रदेश में हासिल हुई 2 सीटें कांग्रेस की झोली में डाल दी। वहीं समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने भी कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है।

मायावती के इस फैसले के बाद ऐसा लग रहा है कि जैसे उनका रुख कांग्रेस के प्रति कुछ नर्म हो गया है। ऐसे में देखना होगा कि क्या मायावती उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने पर राजी होंगी?