5 साल पहले लिखी जा चुकी थी ‘सामूहिक मोक्ष’ की पटकथा!

 नई दिल्ली 
क्या पांच साल पहले लिखी जा चुकी थी '11 सामूहिक मोक्ष' की पटकथा? ऐसा ही इशारा कर रहे हैं क्राइम ब्रांच के हाथ लगे कई डायरी और रजिस्टर में छिपे सबूत। सच जिस तरह धीरे-धीरे सामने आ रहा है। रहस्य को सुलझाने में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम उतनी ही चकरा गई है। क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो उन्हें अब तक जितने भी डायरी एवं रजिस्टर मिले हैं, उन सभी में आत्मा से डायरेक्ट संपर्क और रूहानी अहसासों से जुड़ी बातें लिखी हैं। अभी क्राइम ब्रांच टीम सभी रजिस्टर और डायरी का बारीकी से अध्ययन कर रही है। 
 
इन्हीं में 21 अक्टूबर 2013 को लिखे उस पेज पर क्राइम ब्रांच की नजर पड़ी जिसमें अगले '5 वर्ष के लिए सामूहिक आह्वान' का जिक्र है। साथ ही हेडलाइन भी है, जिसमें लिखा है 'वर्ष का प्रथम एवं अंतिम सामूहिक आह्वान'। क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो पढ़ने से ऐसा लग रहा है कि उस तारीख से पांच साल तक के लिए किसी विशेष तरह के अनुष्ठान एवं क्रिया का अभ्यास शुरू हुआ था। अगर 21 अक्टूबर 2013 से 5 साल गिने जाएं तो यह क्रिया एवं अनुष्ठान 2018 के इन्हीं दिनों खत्म हुई है। इसके बाद लिखा है कि 'आज मेरे जाने के बाद साधारण रोशनी में परिक्रमा करना'। क्राइम ब्रांच इस बाबत आध्यात्मिक एक्सपर्ट के जरिए इसकी गहराई को समझने की कोशिश करेगी। अभी तक ऐसा अनुमान है कि सामूहिक मौत का राज 5 साल पहले लिखी गई इसी तारीख और पेज में छिपा है। 

वहीं, पिछले दो दिन की जांच में क्राइम ब्रांच के सामने इस तरह के कयास भी सामने आए हैं कि परिवार बेटी के 'मांगलिक दोष' से परेशान था। इसीलिए दिन में तीन बार विशेष पूजा किया करते थे। ललित एक विशेष समय में परिवार के सभी सदस्यों के साथ दिन में तीन बार पूजा करवाता था। इस पूजा घर में सुबह 8 बजे होती थी, फिर दोपहर में 12 बजे और फिर रात में 10 बजे। परिवार के सभी सदस्य इसमें हिस्सा लेते थे। 

यही वजह है कि 'सात दिन पूजा लगातार करनी है' वाली बात 2018 के मिले रजिस्टर में लिखी हुई है। इससे साफ है कि परिवार के सभी सदस्य पूरी श्रद्धा के साथ 24 जून से इस पूजा प्रक्रिया में जुट गए थे। इसी साल के रजिस्टर में नोट पर ऊपरी हिस्से में 24 और नीचे की ओर 30 जून लिखा हुआ है। दोनों ही तारीख नोट के शुरू और अंत में लिखी होने से माना जा रहा है कि एक तरह से उसमें लिखी सभी बातें सदस्यों ने अपने दिमाग में बसा ली थीं। 

घर में बने मंदिर में लक्ष्मी-गणेश और साई बाबा की फोटो लगी हुईं मिली। नोट की लाइन पर गौर करें, 'मंगल, शनि, वीर, इतवार फिर आऊंगा।' इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि ललित पर इस दौरान उनके पिता की आत्मा का वास होता था। ललित के शरीर में पिता की आत्मा आने पर पूरा परिवार उसकी बातों को भविष्यवाणी मानकर भरोसा करने लगा था। यही वजह है कि 11 लोगों ने खुदकुशी करने से पहले मुंह पर पट्टी बांधी, रस्सी का प्रयोग किया गया, सूती चुन्नी या साड़ी का प्रयोग करने की बात लिखी गई। हाथ की पट्टी बचने पर उसे आंखों पर डबल करने की बात भी कही गई। 

रोज खुलासों के बीच एक और CCTV 
बुराड़ी में 11 सामूहिक मौत मामले में बुधवार को एक और सीसीटीवी फुटेज ने खुलासा किया। भाटिया परिवार की दो महिलाएं प्रियंका और नीतू घर के अंदर लकड़ी के स्टूल ले जाते दिख रही हैं। पुलिस का कहना है कि घर में पहले से प्लास्टिक के स्टूल थे, जो कमजोर होते हैं, इसलिए बाहर से लकड़ी के स्टूल लाए गए थे। अब पुलिस ये पड़ताल कर रही है कि आखिर नीतू और प्रियंका ने ये स्टूल कहां से लाईं। क्राइम ब्रांच ने घर का डीवीआर ले लिया है। 

सूत्रों की मानें तो क्राइम ब्रांच की पहली जो टीम उस घर में पहले दिन दाखिल हुई थी, वो टीम खुद 11 मौतों के इस मामले को हत्या मान रही थी, ऐसा इसलिए क्योंकि जब टीम के एक सदस्य ने मौका-ए-वारदात का मुआयना किया और रसोई में देखा तो रसोई में सुबह का नाश्ते की तैयारी की हुई थी, एक बर्तन में चने भिगोकर रखे गए थे। एक बर्तन में दही जमा कर रखी गई थी। सूत्रों की मानें तो ऐसा इसलिए होगा क्योंकि उनको ये नही मालूम कि उनकी मौत हो जाएगी क्योंकि रजिस्टर के मुताबिक वो परमात्मा से मिलकर वापस आने वाले थे।