50 परीक्षार्थियों को एक ही परीक्षा की दो-दो अंकसूची
रायपुर
राज्य के सबसे पुराने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अंकसूची मनमाने और थोक में बांटी जा रही है। एमएड मई-जून सेमेस्टर परीक्षा-2018 में परीक्षार्थियों को एक ही तारीख पर (31 अगस्त 2018) को दो-दो अंकसूची जारी की गई है। अब तक ऐसे 50 प्रकरण सामने आ चुके हैं। दोनों में अंक अलग-अलग हैं। ऐसे में परीक्षार्थी असमंजस में हैं कि किस अंकसूची को सही माना जाए। इससे विवि की साख पर भी सवाल खड़ा हो गया है। सायकोलाजी के पेपर में सभी परीक्षार्थियों की मिली दूसरी अंकसूची में 10 से 12 अंक घटा दिए गए हैं।
दूसरी अंकसूची में बढ़ गया नंबर
परीक्षार्थी जीवाधन लाल देवांगन को पहले 450 अंकों में 279 अंक मिले थे। फिर 326 अंक हो गये हैं।
80 से हो गया 61 नंबर
परीक्षार्थी उर्मिला की अंकसूची में पहले सायकोलाजी में 80 अंक मिले थे फिर घटाकर 61 कर दिया गया। इससे वे परेशान हैं।
पहले सेमेस्टर का अंक ही भूल गये
फरहीन सिद्धिकी को पहले 450 अंक में 287 अंक मिले थे। पहले सेमेस्टर के अंक नहीं जुड़े थे। बाद में जोड़े तो यह 334 अंक हो गए।
एक ही तारीख पर दो अंकसूची गलत
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) भोपाल के पूर्व कुलपति डॉ. हर्षबर्धन तिवारी के मुताबिक नियमानुसार एक ही तारीख पर दो अंकसूची जारी नहीं हो सकती है। अंकसूची में नंबर घटाने व बढ़ाने का यह प्रकरण और गलती कैसे हुई, इस पर विवि को कार्रवाई करनी चाहिए।
- पहले त्रुटिवश अंकसूची जारी हो गई थी। चूंकि गलती विवि स्तर पर है, इसलिए दूसरी अंकसूची उसी तारीख पर जारी कर सकते हैं। यह सही है कि पहली अंकसूची को मंगाना जरूरी था। - डॉ. सुपर्णसेन गुप्ता, पीआरओ, पं. रविवि