कारम बांध धंसने के मामले में मुख्य अभियंता समेत 8 अधिकारी निलंबित
भोपाल। मध्य प्रदेश के धार जिले में पिछले दिनों बांध धंसने से बाढ़ जैसे हालात पैदा होने को सरकार ने गंभीरता से लिया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद नर्मदा-ताप्ती कछार इंदौर के प्रभारी मुख्य अभियंता सीएस घटोले सहित आठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बांध का निर्माण करने वाली दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन और ग्वालियर की सारथी कंपनी को हाल ही में ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है।
निर्माणाधीन कारम बांध में हुई लापरवाही पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 8 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। पूर्व में बांध निर्माण से जुड़ी दो कंपनियों को ब्लेक लिस्टेड किया जा चुका है।
मुख्य अभियंता सी.एस. घटोले, अधीक्षण यंत्री जल संसाधन पी. जोशी, कार्यपालन यंत्री बी.एल. निनामा, एसडीओ वकार अहमद सिद्दीकी, उप यंत्री विजय कुमार जत्थाप, उप यंत्री अशोक कुमार, उप यंत्री दशाबंता सिसोदिया और उप यंत्री आर.के. श्रीवास्तव को निलंबित किया गया है।
धार और खरगोन जिले के 18 गांवों को कराया था खाली
गत 11 अगस्त को बांध से रिसाव तेज होने पर शासन ने धार और खरगोन जिले के 18 गांवों को खाली कराया था। इस बीच बांध में जेसीबी से नहर खोद कर पानी निकासी का प्रयास किया गया। 14 अगस्त को बांध का एक हिस्सा धंसने से पानी का बहाव तेज हो गया। इस क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालत हो गए थे।
इस घटना के बाद शासन ने जांच टीम गठित की। जिसने 20 अगस्त को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू की गई है। जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि कारम बांध मध्यम सिंचाई परियोजना 304 करोड़ रुपये की है। इसमें करीब सौ करोड़ रुपये की लागत से बांध का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2018 में यह काम दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। इस कंपनी ने अपना कमीशन निकालकर काम ग्वालियर की सारथी कंपनी को दे दिया और सारथी कंपनी ने एक अन्य ठेकेदार को काम सौंप दिया। यही ठेकेदार बांध का निर्माण कर रहा था।
कारम बांध से संबंधित टोटल रिकाल
- 11 अगस्त को दोपहर एक बजे मिट्टी के बांध से रिसाव होने की सूचना मिली थी।
- 11 अगस्त की शाम छह बजे दावा किया गया था कि बांध की पाल को सुधार लिया गया है।
- 12 अगस्त को एक बार फिर बांध की पाल खिसकने और पानी निकलने की स्थिति बनी।
- 12 अगस्त को उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नियंत्रण की जद्दोजहद शुरू हुई।
- 12 अगस्त को ही बांध के पास से एक चैनल बनाने का कार्य शुरू किया गया।
- 12 अगस्त को चैनल बनाने का काम एक चट्टाने आने के कारण प्रभावित हुआ था।
- 13 अगस्त को रात एक बजे बांध से पानी निकलने लगा।
- 14 अगस्त की शाम छह बजे अचानक से बांध की चैनल से पानी निकला और बाढ़ के हालात बन गए।
- 14 अगस्त को ही धार जिले के 12 और खरगोन जिले के छह गांव में करीब दो घंटे तक खतरे की स्थिति बनी रही।
- 14 अगस्त को दो गांवों के कुछ घरों में पानी घुसा। खेतों में फसलें भी प्रभावित हुई।
- 15 अगस्त को हालात सामान्य हो गए थे। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बांध स्थल पर झंडावंदन किया गया। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा था कि हम योजना में सफल हुए और पशु व जनहानि से बच गए।
- बांध से निकले पानी के कारण 36 हेक्टेयर में फसलें प्रभावित हुई थी। कई खेतों से कीमत मिट्टी बह गई थी।